भले ही पूरा देश आज स्वतंत्रता दिवस मना रहा है लेकिन तमिलनाडु में स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर विवाद हो रहा है राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल रवि द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। 17 साल की नीट अभ्यर्थी जगदीश्वरण और उनके पिता सेल्वाशेखर की मौत को वजह बताया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्हें आश्चर्य की सभी को ऐसी आजादी मिली है, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि नीट के विरोध वाले विधायेक पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर लोगों के साथ-साथ लंबे विरोध और संघर्ष का अपमान किया है इसलिए वह स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे उन्होंने यह भी कहा कि वह विधायेक पर सहमति के लिए राष्ट्रपति मुर्मू को खत भेजेंगे इसके साथी मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि द्रविदम, आर्यन, डीएमके, वल्लुवर वल्लालार और सनातन के बारे में राज्यपाल जो भी बोलते हैं हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि हम इसे केवल उनका आर्यन प्रलाप मानते हैं अगर कोई नियुक्त व्यक्ति यह दावा करता है कि वह गरीब तबके से आने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के सपनों को ध्वस्त कर देगा तो हम इसे शिक्षा प्रणाली पर हमला मानेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तमिल छात्रों का भविष्य हमारे लिए महत्वपूर्ण है हम उनमें से नहीं है जो इस साल यहां रहेंगे और अगले साल कहीं और चले जाएंगे डीएम के सत्ता में रहे या ना रहे लेकिन लोगों के लिए आवाज उठाती रहेगी राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को नष्ट कर रहे हैं उच्च शिक्षा को भ्रमित कर रहे हैं और विधानसभा में पारित विधायकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं जिसके लिए हम उनकी कड़ी निंदा करते हैं और यही कारण है की स्वतंत्रता दिवस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है वार्तालाप है कि 17 साल के नीट अभ्यर्थी जगदीश्वर ने मेडिकल की पढ़ाई के लिए दो बार नीट की परीक्षा दी लेकिन वह पास नहीं कर पाया था और उसके बाद उसने खुदकुशी कर ली बेटे की मौत के अगले दिन ही उसके पिता ने भी अपनी जान दे दी
स्टालिन नहीं मना रहें स्वतंत्रता दिवस—
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