-नम्रता पुरोहित कांडपाल
हमारे देश में सबसे ज्यादा बजट की बात जब आती है तब बॉलीवुड की बात सामने आती है कि कौनसी फिल्म कितने बजट की बनी और उसने कितनी कमाई की। कई बार ये भी देखने को मिलता है कि जितना खर्च फिल्म बनाने में हुआ है उतनी कमाई भी नहीं हो पाती है, और कई बार कमाई के रिकॉर्ड टूट भी जाते है। खैर हम बात फिल्मों की नहीं बल्कि देश के उस मिशन की कर रहें है जो देश के गौरव की बात है। बात चंद्रयान-3 की कीमत की हो रही है। क्या आप जानते है भारत के चंद्रयान का बजट क्या है, तो आइए हम आपको बताते है।
भारत के चंद्रयान मिशन की जब भी बात आती है तो तीन साल 11 महीने और 23 दिन पहले जब भारत का चंद्रयान मिशन अपनी सॉफ्टलैंडिग में सफल नहीं हो पाया था, उसकी तस्वीरें सभी के जहन में आज भी हैं। लेकिन आज एक बार फिर भारत का मिशन चंद्रयान आज इतिहास रचने के लिए निकल चुका है, जिसका सभी को इंतजार था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भारत ने चांद के रहस्यों को जानने के लिए जो मिशन लॉन्च किया है उसका बजट कितना है। हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष के बजट से भी कम है इस मिशन लॉन्च का बजट। इतने कम बजट में इसका निर्माण आखिर हुआ कैसै हुआ आइए जानते है। आखिर इस मिशन में क्या कुछ खास होने जा रहा है। आज से चार साल पहले भारत ने चंद्रयान-2 को भेजा था, उसका बजट 603 करोड़ रुपये था लेकिन तीन साल बाद भारत जो चंद्रयान–3 भेज रहा है, उसकी कीमत मात्र 615 करोड़ रुपये है। हाल ही में आई विवादित फिल्म आदिपुरुष का बजट 700 करोड़ था। चंद्रयान-3 की कीमत इस फिल्म की कॉस्ट से करीब 85 करोड़ रुपये सस्ती है।
इस जानकारी के बाद अब हम आपको बताते हैं कि आखिर 603 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद इसरो इस मिशन से आखिर जानना क्या चाहता है। दरअसल इसरो अपने इस चंद्रयान 3 के जरिए चांद पर सुरक्षित लैंडिंग करना चाहते हैं। हालांकि चंद्रयान 2 का मकसद भी यही था, इसके बाद वैज्ञानिकों का मकसद है उनका रोवर चांद की सतह पर चलेग। और जब वो यहां तक कामयाब हो जाएंगे तो उसके बाद उनका इरादा वहां कई प्रयोगों को करने का है जिससे हमें चांद के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके। इस स्पेसक्राफट के साथ एक संयत्र भेजा जाएगा जो चांद से पृथ्वी को देखेगा, और इसके जीवन वाली विशेषताओं का अध्ययन करेगा। धरती की ही तरह चांद की सतह पर भी कंपन होती है ऐसे में वैज्ञानिकों का मकसद उस कंपन को देखना भी है।