मणिपुर हिंसा की आग ना ही मणिपुर में बुझ पा रही है ना ही संसद से लेकर सड़क तक, सोशल मीडिया में भी इस बात को लेकर बवाल मचा पड़ा है और अब सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में कहां है कि महिलाओं बच्चों पर हुए अपराध की जांच सीबीआई ही करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि सीबीआई में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पांच अधिकारी तैनात किए जाएंगे जो दूसरे राज्यों से होंगे और यह सभी अधिकारी सीबीआई के प्रशासनिक ढांचे के अंदर ही काम करेंगे। सीबीआई में संयुक्त निदेशक स्तर रैंक के एक अधिकारी द्वारा उनकी निगरानी की जा सकती है, इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा प्रभावित लोगों के राहत, पुनर्वास से जुड़े कामकाज की निगरानी को हाई कोर्ट की पूर्व महिला जज की अगुवाई में समिति गठित की है। इस समिति की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को सौंपी गई है।
इसके साथ ही मुंबई हाई कोर्ट में पूर्व न्यायाधीश शालिनी जोशी और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आशा मेनन भी शामिल है। मणिपुर के आदिवासी संगठन प्रतिनिधि मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात करेंगे और राज्य के मौजूदा हालात अपनी मांगे रखेंगे तो वहीं लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से एक दिन पहले मणिपुर कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी से मुलाकात की। वहीं मणिपुर के हालात की बात करें तो आपको बता दें सोमवार तड़के पांच बजे से दोपहर तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी इस दौरान मैतई महिलाओं ने असम राइफल्स के खिलाफ प्रदर्शन भी किया, महिलाओं ने क्रुरता का आरोप लगाते हुए हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से असम राइफल्स को हटाने की मांग की है।