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Terrorist Attack: गंदेरबल में चार मजदूरों को मारी गोली, दो की मौत

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रविवार रात, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी के प्रवासी मजदूरों पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में दो मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। यह हमला शोपियां में बिहार के मजदूर अशोक चौहान की हत्या के एक दिन बाद हुआ है, जिससे पिछले तीन दिनों में आतंकियों के हाथों तीन प्रवासी मजदूरों की जान जा चुकी है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है।

मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर गुंड इलाके में सुरंग बना रही कंपनी एप्को के मजदूरों के कैंप पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए। घटना के बाद कैंप में भगदड़ मच गई और चीख-पुकार सुनाई दी। सूचना मिलते ही सुरक्षा बलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है ताकि आतंकियों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। सुरक्षा बलों ने प्रवासी मजदूरों से हमले की जानकारी भी जुटाई है।

हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रवासी मजदूरों के कैंपों पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं। वाहनों की भी सघन जांच की जा रही है। शोपियां में बिहार के मजदूर की हत्या के विरोध में शनिवार को स्थानीय नागरिकों और कॉलेज छात्रों ने शांति की अपील करते हुए विरोध मार्च निकाला था। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कई अन्य नेताओं ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है।

उमर अब्दुल्ला ने गगनगीर में हुए हमले पर दुख जताते हुए कहा कि यह प्रवासी मजदूरों पर कायरतापूर्ण हमला है और उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार के शपथ लेने के केवल पांच दिन के भीतर यह प्रवासी मजदूरों पर दूसरा आतंकी हमला है, जो उनकी सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। मौजूदा वर्ष में यह कश्मीर में गैर-कश्मीरियों पर पांचवां आतंकी हमला है। वर्ष 2021 में भी इसी तरह के हमलों में बिहार और उत्तर प्रदेश के चार मजदूर मारे गए थे, जिसके बाद बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों ने कश्मीर से पलायन किया था।

कश्मीर में विभिन्न परियोजनाओं में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या बड़ी है, जो मुख्यतः बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब से आते हैं। ये मजदूर सेब के बागानों से लेकर निर्माण कार्यों और रेलवे परियोजनाओं में काम करते हैं।

इस वर्ष कश्मीर में प्रवासी मजदूरों पर कई आतंकी हमले हो चुके हैं। 8 अप्रैल को दिल्ली के कैब चालक परमजीत सिंह पर शोपियां में हमला हुआ, जबकि 17 अप्रैल को बिहार के राजू शाह की अनंतनाग में हत्या कर दी गई। इसी तरह फरवरी में पंजाब के दो मजदूरों को श्रीनगर में गोली मार दी गई थी।

भाजपा के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि आतंकियों को जल्द ही सजा मिलेगी और सेना व पुलिस द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं होने देना चाहते, लेकिन संकट की इस घड़ी में पूरा देश अशोक चौहान के परिवार के साथ खड़ा है।

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