एक चीज है,जो इंसान के साथ हमेशा रहती है और वह है उसकी परछाई लेकिन आज देश के कई हिस्सों में लोगों को अपनी परछाई भी नजर नहीं आएगी दोपहर में कुछ पल को ऐसा वक्त आएगा जब किसी भी वस्तु की परछाई पृथ्वी पर नहीं दिखाई देगी। दरअसल यह स्थिति पृथ्वी की घूमने की धूरी के झुकाव के कारण बनती है यह अनोखी खगोलीय घटना उत्तर भारत में नहीं दिखाई देगी हालांकि दक्षिण भारत के कई राज्यों में इसका असर रहेगा खगोलीय भाषा में इसे शून्य छाया दिवस कहा जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारी छाया की लंबाई सूर्य पर निर्भर करती है सुबह के वक्त यह लंबी होती है और दोपहर चढ़ते ही छोटी हो जाती है मध्यान्ह के समय तो हमारी परछाई सबसे छोटी हो जाती है और साल में दो मौके ऐसे भी आते हैं जब हमारी परछाई दिखाई नहीं देती है और ऐसा आपके साथ तब होता है जब आप कर्क और मकर रेखा के बीच में कहीं रहते हो कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित भारत के सभी स्थानों में यह घटना होती है कर्क रेखा के थोड़ा सा दक्षिण में स्थित कोई भी स्थान है इससे प्रभावित हो सकता है इस बार हैदराबाद में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा ऐसा नहीं है कि इस दिन परछाई बिल्कुल गायब हो जाती है दरअसल जब सूरज ठीक हमारे सर के ऊपर होता है तो किरणें हम पर लंबवत पड़ती है, जिससे जो परछाई होती है वह थोड़ा इधर उधर ना बनकर बिल्कुल हमारे पैरों के नीचे बन जाती है दक्षिण के कई राज्यों में यह स्थिति वक्त पर बनेगी शून्य छाया दिवस के वक्त सूर्य और वस्तु का कौण एकदम सीधा होगा और कुछ वक्त के लिए परछाई नहीं दिखेगी इस घटना के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा तल के लंबवत होने की बजाय उस से 23.5 डिग्री तक की होती है इस झूकाव से पूरे सूर्य किरणों का कौण बदलता रहता है और इससे छायांकन की लंबाई बदलती है साथ ही प्रमुख धाराओं का बदलता रहता है साल में दो बार ऐसा होता है जब सूर्य और पृथ्वी के कुछ महत्वपूर्ण बन जाता है और होता है और छाया वस्तु नीचे होती है यानी कि छायांकन होता है लेकिन वह दिखाई नहीं देता है या फिर हल्का ही दिखाई देता है।
पृथ्वी चलेगी चाल, साया छोड़ेगा आपका साथ–
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