भारत की रेल व्यवस्था में नई क्रांति के प्रतीक वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में जानकारी दी कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper) का पहला प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है। मंत्री ने बताया कि जल्द ही इसका परीक्षण शुरू किया जाएगा और इसका संचालन परीक्षणों की सफलता पर निर्भर करेगा।
राज्यसभा में लिखित उत्तर में वैष्णव ने कहा कि लंबी और मध्यम दूरी की यात्राओं को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper) को आधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से लैस किया गया है। यह नई ट्रेन सेवाएं यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई हैं और भारतीय रेलवे के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मौजूदा वंदे भारत ट्रेन में क्या सुविधाएं मिल रहीं
रेल मंत्री ने बताया कि वर्तमान में भारतीय रेलवे नेटवर्क पर चेयर-कार कोच वाली 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं संचालित हो रही हैं। इनमें से 16 वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाएं तमिलनाडु में स्थित स्टेशनों की जरूरतों को पूरा करती हैं। इन ट्रेनों ने न केवल यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाया है, बल्कि यात्रा के समय को भी काफी कम कर दिया है।
दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन वर्तमान में सबसे लंबी दूरी तय करती है, जो 771 किलोमीटर की यात्रा करती है। यह ट्रेन अपने उच्च गति और सुविधाजनक सेवाओं के कारण यात्रियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो चुकी है।
तकनीक के साथ मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
मध्यम और लंबी दूरी की यात्रा के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों (Vande Bharat Sleeper) में आरामदायक बर्थ, बेहतर यात्री सुविधाएं, और आधुनिक तकनीकी उपकरणों का समावेश किया गया है। यह ट्रेनें यात्रियों के लिए एक नई यात्रा अनुभव प्रदान करने का वादा करती हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण और सुविधाजनक परिवहन साधन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रतिबद्ध है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper) इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भारतीय रेलवे के उन्नत भविष्य की झलक मिलती है। परीक्षणों की सफलता के बाद, यह ट्रेनें जल्द ही यात्रियों की सेवा में उपलब्ध होंगी।
वंदे भारत ट्रेनों के साथ भारत रेलवे में हो रहे ये परिवर्तन न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बना रहे हैं, बल्कि भारतीय रेल के वैश्विक स्तर पर पहचान को भी मजबूती प्रदान कर रहे हैं।