भले ही लोकसभा चुनाव 2024 के रण में सत्तारुढ पार्टी को चुनौती देने के मकसद से इंडिया गठबंधन ने 28 पार्टियों का एक समूह तैयार कर लिया हो और इस इंडिया गठबंधन की तीन बैठकें भी हो चुकी हो लेकिन इसके बाद भी संयोजन के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है और ना ही विपक्ष की तरफ से संयुक्त प्रधानमंत्री उम्मीदवार पर कोई बात बनी है।
जहां एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर उनके चाहने वालों में,उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की होड़ लगी हुई है तो वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के चाहने वाले यह चाहते हैं कि वह पीएम पद की दावेदार बने। तो वहीं लालू प्रसाद यादव कह चुके हैं की कोई एक संयोजक नहीं होगा 28 पार्टियां है तो संयोजक भी ज्यादा ही होंगें।
और इसी बीच लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने यह दावा कर दिया है कि विपक्षी दल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है।
लोक जनशक्ति पार्टी सांसद ने कहा है कि विपक्षी दलों के भीतर नीतीश कुमार को लेकर भ्रम है, इसलिए वह अपनी महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होने के कारण कभी भी गठबंधन छोड़ सकते हैं।
तो वहीं मीडिया की खबरों के मुताबिक चर्चा यह भी है कि खुद राज्य में उनके साथी दल आरजेडी प्रमुख लाल यादव उनको सपोर्ट नहीं कर रहे हैं जबकि इंडिया अलायंस में सभी को एकजुट करने की पहल नीतीश कुमार ने ही की है।
जमुई से लोकसभा सांसद चिराग पासवान का यह कहना है कि पहले लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के दौरान नीतीश कुमार बिहार में जंगल राज को लेकर राजद की सरकार पर आरोप लगाते रहे, बिहार में दोनों नेता हमेशा से एक-दूसरे के विरोधी थे। लेकिन आज सत्ता के लालच में एक साथ आ गए हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि राजद जदयू गठबंधन विरोधाभासों से भरा गठबंधन है,इसके साथ ही चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की राजनीतिक विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसलिए उन्हें संयोजक की जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है जबकि वह तो पीएम पद की दावेदारी के साथ इस गठबंधन से जुड़े थे।
चिराग पासवान ने साफ तौर पर यह कह दिया कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन को कभी भी छोड़ देंगे क्योंकि नीतीश कुमार एनडीए और महागठबंधन को भी धोखा दे चुके हैं, चिराग ने यह भी कहा कि इसी वजह से विपक्षी दलों की तरफ से उन पर भरोसा नहीं किया जा रहा है।
तो वहीं बिहार से लेकर दिल्ली के सियासी बाजारों में यह चर्चा भी गरम है कि नीतीश के साथ गठबंधन के बावजूद लाल यादव नीतीश कुमार की दावेदारी पेश नहीं कर रहे हैं जबकि लालू यादव की कांग्रेस और विपक्ष की दलो के साथ काफी पुराना रिश्ता रहा है।
गौरतलब है कि जदयू के नेताओं ने भी वक्त वक्त पर नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया है। तो वहीं बीते दिनों बिहार में रैली के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सभी पर कटाक्ष किया था लेकिन नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर बनाते दिखे। अब चिराग पासवान के बयान के बाद चर्चा कुछ और शुरू हो गई है।