ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने अपनी मांगे न सुने जाने के कारण भारत के बड़े सम्मानों में से एक ‘पद्मश्री’ पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। भारतीय कुश्ती महासंघ के 21 दिसंबर को हुए चुनाव के बाद आज शुक्रवार को दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया ने पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखते हुए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही जिसके बाद वे पुरस्कार लौटाने के लिए सीएम निवास के लिए निकल गए और वहां ‘पद्मश्री’ को रखकर वापस लौट आए।
दरअसल, भारतीय पहलवानों का एक तबका इस साल की शुरुआत से ही भारतीय कुश्ती महासंघ में बृजभूषण शरण सिंह की चल रही तानाशाही और मनमानी को लेकर विराध कर रहा है। बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का भी आरोप है। पहलवानों के लंबे आंदोलन के बाद उन्हें हाल ही में अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि जो नए अध्यक्ष बनाए गए हैं, वह भी उनके खेमे के ही हैं। ऐसे में पिछले 11 महीने से चल रहा पहलवानों का यह आंदोलन पूरी तरह बेअसर रह गया। यही कारण है कि बजरंग पूनिया ने अपना पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। बीते दिन भारत की ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने भी कुश्ती छोड़ने की घोषणा की थी। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे आंदोलन का नेतृत्व बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने किया था।
बजरंग पूनिया ने पीएम आवास पहुंचकर लौटाया अवॉर्ड
बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पत्र जारी करके अपना ‘पद्मश्री’ पुरस्कार लौटाने का ऐलान करने के ठीक बाद वह पीएम मोदी को यह पुरस्कार लौटाने के लिए निकल भी पड़े। लेकिन वह पीएम आवास तक पहुंच पाते उससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जब वह आगे नहीं बढ़ सके तो वह पद्मश्री को फुटपाथ पर ही रखकर लौट गए।