भारत के पड़ोस में ही एशिया का सबसे छोटा देश है यह कई द्वीपों से मिलकर बना है। यहां का संविधान भारत के संविधान से अलग है यहां केवल सुन्नी मुसलमानों को ही यहां की नागरिकता दी जाती है।
मालदीव को एशिया का सबसे छोटा देश कहा जाता है दक्षिण एशिया में बसे इस देश का क्षेत्रफल लगभग 298 वर्ग किलोमीटर है। इसके अलावा जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तब भी यह एशिया के सबसे छोटे देश की श्रेणी में आता है। वर्ष 2021 में की गई जनगणना के मुताबिक, यहां की कुल आबादी लगभग 5.21 लाख थी। मालदीव का पूरा इलाका 1200 द्वीपों बना है।
यह भारत के बहुत करीब हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है। इसके करीब 200 द्वीपों पर स्थानीय आबादी रहती है जबकि 12 द्वीप सैलानियों के लिए आरक्षित हैं यहाँ घूमने- फिरने के लिए कई सुविधाएं दी गई है जिसके लिए Resort, Hotel और कई तरह की खूबसूरत जगहें है। देखा जाए तो यहां जितनी जनसंख्या नहीं है उससे ज्यादा लोग यहां हर घूमने के मकसद से आते है।
सिर्फ सुन्नी मुसलमान ही नागरिक
मालदीव का संविधान सबसे अलग है जिसके मुताबिक यहां का नागरिक केवल सुन्नी मुसलमान ही हो सकता है यहां का संविधान इस्लाम को सबसे ऊपर मानता है इसलिए यहां इस्लाम को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए मुस्लिम आबादी को आगे रखा जाता है मालदीव में गैर-मुस्लिम नागरिक नहीं बन सकते है। यहां के नागरिक केवल सुन्नी इस्लाम को ही मानते है।
क्षेत्रफल के हिसाब से देखा जाएं तो एशिया के दो सबसे छोटे देश मालदीव और सिंगापुर है।
जिनमें मालदीव एक सुन्नी मुसलमान बहुल देश है। साल 2013 में यहां धार्मिक कट्टरता के बढ़ने के बाद यहां से काफी नौजवान सीरिया जाकर ISIS में भर्ती हो गए थे।