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AI News: एआई आने से कारोबारों का साइबर जोखिम बढ़ा

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टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम रखते ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI News: ) को तेजी से अपनाया जा रहा है। इस तकनीक के कारण तकनीकी क्षेत्र में ग्रोथ होते हुए भी देखा जा रहा है। एआई के जितने फायदे है, उससे कई ज्यादा इसके नुकसान भी है। इस टेक्नोलॉजी के कारण साइबर अटैक का भी खतरा बढ़ गया है।

AI News: कैस्परस्काई का क्या कहना है

वैश्विक साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्राइवेसी कंपनी कैस्परस्काई ने इन जोखिमों का जिक्र करते हुए कहा है कि उसने नए युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए व्यवसायों के सक्रिय साइबर सुरक्षा में निवेश करने की जरूरत पर प्रकाश डाला है। कैस्परस्काई ने कहा कि वह अपने उत्पादों में AI का समावेश कर रही है तथा खतरों का मुकाबला करने तथा प्रौद्योगिकियों को साइबर हमलों के नए और उभरते रूपों के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाकर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एआई मॉडलों का उपयोग कर रही है।

साइबर अपराधी कर रहे हैं नए तरीके से प्रयोग  

 साइबर सुरक्षा कंपनी ने चेतावनी देते हुए कहा कि साइबर अपराधी दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर लाने और कई उपयोगकर्ताओं के विरुद्ध स्वचालित हमले करने के लिए नए तरीकों से एआई का उपयोग कर रहे हैं। इनमें चैटजीपीटी के उपयोग से लेकर उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन इनपुट की निगरानी के लिए एआई प्रोग्राम का दुरुपयोग करना (संभावित रूप से संदेश, पासवर्ड और बैंक कोड कैप्चर करना) तक शामिल है। कंपनी ने 2023 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उसने दुनिया भर में 2,20,000 कारोबारों को इन जोखिमों से बचाने में मदद की और अपने समाधानों और उत्पादों के साथ लगभग 6.1 अरब हमलों को रोका। इस दौरान, 3,25,000 विशिष्ट उपयोगकर्ताओं को बैंकिंग ट्रोजन पर आधारित संभावित धन चोरी से बचाया गया। कंपनी ने 2024 में हर दिन औसतन 4,11,000 से अधिक दुर्भावनापूर्ण नमूनों का पता लगाया है, जबकि एक साल पहले यह संख्या 4,03,000 थी।

पास्वर्ड मजबूत रखना जरूरी

कैस्परस्काई में वैश्विक शोध एवं विश्लेषण टीम के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ विटाली कामलुक ने बताया कि जितने साइबर हमले हो रहे हैं, वे केवल मानव संसाधनों से संभव नहीं हैं। हमलावर स्वचालन का उपयोग करते हैं… एआई का लाभ उठाने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही उपयोगकर्ताओं को साइबर जोखिम से बचने के लिए अपना पासवर्ड भी पर्याप्त मजबूत रखने की जरूरत है। कैस्परस्काई के प्रमुख डेटा वैज्ञानिक एलेक्सी एंटोनोव ने कहा कि करीब 32 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं के पासवर्ड पर्याप्त मजबूत नहीं हैं। उन्हें सरल ब्रूट-फोर्स एल्गोरिदम और आधुनिक जीपीयू 4090 का उपयोग करके 60 मिनट से भी कम समय में हासिल किया जा सकता है।

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