बांग्लादेश(America-Bangladesh: ) में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाकर किए गए जघन्य कृत्यों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए 300 से अधिक भारतीय-अमेरिकी और बांग्लादेशी मूल के हिंदू रविवार सुबह ह्यूस्टन के शुगर लैंड सिटी हॉल में एकत्र हुए।
America-Bangladesh: ‘अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कदम उठाएं’
प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से अपील की कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार को रोकने और कमजोर समुदायों की रक्षा करने के लिए तत्काल एवं निर्णायक कदम उठाएं। हिंदू समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में हालिया वृद्धि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बन गई है। प्रदर्शन के आयोजकों ने बांग्लादेश में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और बाइडन प्रशासन से आग्रह किया कि वह मानवता के खिलाफ हो रहे इन जघन्य अपराधों के दौरान मूकदर्शक न बना रहे।
कई समूह एक साथ
आयोजकों ने बांग्लादेशी हिंदुओं को सतर्क रहने, ताजा स्थिति पर नजर रखने और किसी भी आपात स्थिति में मिलकर आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। ‘बांग्लादेश में हिंदुओं को बचाओ’ प्रदर्शन का आयोजन ‘ग्लोबल वॉयस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज’ ने किया। यह ह्यूस्टन के प्रमुख हिंदू समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख संगठन है, जिसमें मैत्री, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ऑफ अमेरिका, हिंदूएक्शन, हिंदूपैक्ट, ह्यूस्टन दुर्गाबाड़ी सोसाइटी, इस्कॉन, ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा और कई अन्य समूह शामिल हैं। विहिप ऑफ अमेरिका और हिंदू एक्शन का प्रतिनिधित्व करने वाले वक्ताओं में से एक अचलेश अमर ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि हम हिंदू समुदाय पर उनकी बहुलवादी आस्था के लिए किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हम बांग्लादेश में अपने भाइयों और बहनों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। हम बांग्लादेश सरकार से अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और हर धर्म के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की मांग करते हैं।
भारत आने की कोशिश कर रहे हैं बांग्लादेशी हिंदू
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद नामक दो हिंदू संगठनों के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है। हिंसा से बचने के लिए हज़ारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं।
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