हिसार से लोकसभा सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके अशोक तंवर ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले वे कांग्रेस में थे। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद और हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था और अब आम आदमी पार्टी से भी तंवर ने विदाई ले ली है।
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अशोक तंवर शनिवार को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह मौजूद रहे। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ राजनीतिक मतभेद और पार्टी में खींचतान के बाद अशोक तंवर ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था।
तंवर के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है दरअसल, जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले है ऐसे में तंवर का साथ छोड़ना प्रदेश में आम आदमी पार्टी के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। तंवर के इस्तीफे देने के बाद उनके समर्थकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी। शुक्रवार को अलग-अलग जिलों में कुछ लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दिया। हालांकि इसमें कोई बड़ा नाम शामिल नहीं था। इन समर्थकों को तंवर ने ही पार्टी में शामिल करवाया था। इस्तीफा देने वालों में विंग के पदाधिकारी भी शामिल हैं।
तंवर ने अपने इस्तीफे के पीछे कांग्रेस और आप के गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया था। फिलहाल, वह भाजपा में शामिल हो गए है। जानकारी के मुताबिक हो सकता है कि पार्टी उन्हें सिरसा या लोकसभा से चुनाव में उतार सकती है। दोनों ही सुरक्षित सीटें हैं। इसलिए दोनों में से किसी एक सीट पर उनके लिए विचार कर सकती है।
सीएम खट्टर रहे मौजूद
इस मौके पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हरियाणा बीजेपी के लिए राज्य में अपने विस्तार का बड़ा दिन है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के वर्तमान नेता अशोक तंवर अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वह रिश्ते में मेरा भांजा हैं, उनकी मां और मैं एक ही गांव के हैं. जब वह कांग्रेस में थे तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया, तो मुझे दुख हुआ. वह कांग्रेस से तंग आकर बीजेपी में शामिल होना चाहते थे. उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन अप्रैल 2022 में बीजेपी के बजाय आम आदमी पार्टी में शामिल होने की गलती कर दी. लेकिन AAP में अपने कड़े अनुभव के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं’।