पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी(Atal Bihari Vajpayee: ) की छठी पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित ‘सदैव अटल’ स्मारक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और राजग के घटक दलों के नेताओं ने भी वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
Atal Bihari Vajpayee: 2018 में हुआ था पूर्व प्रधानमंत्री का निधन
‘सदैव अटल’ वाजपेयी का स्मारक है, जहां इस अवसर पर प्रार्थना सभा का आयोजन भी किया गया। वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “अटल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें अनगिनत लोगों द्वारा याद किया जाता है।” उन्होंने इस मौके पर स्मारक से कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
Atal Bihari Vajpayee:वाजपेयी के लिए भारत एक जीवंत राष्ट्र थाः लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वाजपेयी को नमन करते हुए कहा, “एक सुधी राजनीतिज्ञ, ओजस्वी कवि और रचनाकार के रूप में अटल जी ने जीवन के विविध क्षेत्रों में अपना योगदान दिया।” बिरला ने कहा कि वाजपेयी के लिए भारत एक जीवंत राष्ट्र था, और उनका समर्पण देश और समाज के लिए सदैव प्रेरक रहेगा।
वाजपेयी भारतीय राजनीति के अजातशत्रुः भाजपा अध्यक्ष
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वाजपेयी को भारतीय राजनीति का ‘अजातशत्रु’ करार देते हुए कहा कि उन्होंने सेवा और सुशासन की मजबूत आधारशिला रखी और पोखरण परमाणु परीक्षण के जरिए भारत की शक्ति को विश्व के सामने प्रस्तुत किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटलजी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं का प्रेरणास्रोत बताया और कहा, “विचारधारा और सिद्धांतों पर आधारित अटलजी का जीवन राष्ट्र के प्रति सदैव समर्पित था।”
पहला कार्यकाल मात्र 13 दिन का
वाजपेयी को 2015 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। वह भाजपा के संस्थापकों में से एक थे और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था, जबकि 1999 में वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा किया। वह पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।