उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Ayodhya Deepotsav:) के नेतृत्व में बुधवार को ‘दीपोत्सव-2024’ का आयोजन अयोध्या में किया जाएगा, जहां 28 लाख दीप जलाकर शहर को रोशन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां चरम पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ‘सबका उत्सव-अयोध्या दीपोत्सव’ नारे के साथ पोस्ट में कहा कि दीपोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दीये लगाए जा रहे हैं और कलाकारों के लेजर, साउंड, ड्रोन शो का ट्रायल जारी है।
अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। यह दीपोत्सव-2024 का आठवां साल है, जिसकी शुरुआत 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हुई थी। इस बार सरयू तट के घाटों पर 28 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसी वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य नवनिर्मित मंदिर में(Ayodhya Deepotsav:) भगवान श्री रामलला की प्रतिष्ठा की गई। इस बार रामलला के मंदिर में एक खास तरह का दीपक जलाने की योजना है। नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहली दीपावली के लिए भव्य और पर्यावरण के अनुकूल तैयारियां चल रही हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे, जिनसे कार्बन का कम से कम उत्सर्जन होगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस दीपोत्सव में राम नगरी (Ayodhya Deepotsav:) में अध्यात्म, परंपरा और संस्कृति का संगम दिखेगा। 30 अक्टूबर को रामकथा पार्क स्थित मुख्य मंच पर उत्तराखंड की रामलीला के साथ छह देशों, जैसे म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। दीपोत्सव पर अन्य राज्यों के कलाकारों की भी प्रस्तुति होगी, जिसमें मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया की टीम बधावा पर, असम की सनहल देवी बीहू पर, महाराष्ट्र की श्रद्धा लावणी पर, तेलंगाना के श्रीधर विश्वकर्मा गुसादी पर, झारखंड के सृष्टिधर महतो और टीम छाऊ नृत्य पर, बिहार की महिमा झिझिंया पर, राजस्थान की ममता देवी कालबेलिया/घूमर लोक नृत्य पर और जम्मू के मोहम्मद यसीन और उनकी टीम रउफ लोकनृत्य पर प्रस्तुति देंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा(Ayodhya Deepotsav:) गया है कि पशुधन विभाग अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर डेढ़ लाख गो दीप जलाएगा। सोमवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रतीकात्मक रूप से गो दीप और अन्य गो उत्पाद भेंट किए। 28 लाख दीये सरयू नदी के 55 घाटों पर जलाए जाएंगे, जिसे विश्व कीर्तिमान के रूप में स्थापित किया जाएगा। इन दीयों को सजाने के लिए 30 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ये खास दीपक मंदिर भवन को दाग-धब्बों और कालिख से सुरक्षित रखेंगे और इनसे लम्बे वक्त तक रोशनी भी मिलेगी।
राज्य के सूचना विभाग ने इस पूरे आयोजन के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की है। दीपोत्सव के दिन राम की पैड़ी पर होने वाले सभी कार्यक्रमों को दूरदर्शन और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव दिखाया जाएगा। अयोध्या के जिला सूचना अधिकारी संतोष द्विवेदी ने बताया कि नगर में 20 जगहों पर एलईडी वाल और एलईडी वैन की व्यवस्था कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि अयोध्या कोतवाली, हनुमानगढ़ी, वाल्मीकि भवन, पोस्ट ऑफिस, तुलसी स्मारक भवन, कारसेवकपुरम, मीडिया सेंटर, टेढ़ी बाजार चौराहा, रेलवे स्टेशन, विद्या कुंड, साकेत पेट्रोल पंप, दीनबन्धु नेत्रालय कार्यशाला और हनुमान गुफा के पास एलईडी वाल लग चुकी हैं। उनके अनुसार बस स्टैंड, सहादतगंज, नाका, देवकाली बाईपास, साकेत और उदया सहित अन्य स्थानों पर एलईडी वैन को खड़ा कराया जाएगा।
शहर के मार्गों को फूलों की लड़ियों और आकर्षक लाइट से सजाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने त्योहारों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक बैठक की और खास तौर से अयोध्या की चाक-चौबंद सुरक्षा के निर्देश दिए। डीजीपी ने अयोध्या के सभी धर्मशालाओं, होटल, ढाबों आदि पर सतर्क दृष्टि बनाए रखने तथा संदिग्ध व्यक्तियों और सभी प्रमुख स्थानों की सघन जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव आयोजन की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने सरयू नदी पर राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्ग बंद कर दिए हैं। अयोध्या थाने के निरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने सोमवार को बताया कि राम की पैड़ी से जुड़ी 17 सड़कों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है और सिर्फ पास धारकों को ही इन रास्तों से गुजरने की अनुमति होगी। सभी 17 संपर्क मार्गों पर एक-एक दारोगा और चार-चार सिपाही तैनात किए गए हैं। इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अयोध्या की सीमाएं मंगलवार को ही सील कर दी जाएंगी। दीपोत्सव के मद्देनजर यातायात पुलिस ने वाहनों की आवाजाही के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है। वाहनों को दूसरे रास्तों से भेजने की व्यवस्था 29 अक्टूबर की सुबह से 31 अक्टूबर की देर रात तक लागू रहेगी। लखनऊ से अयोध्या आने वाले वाहनों को बाराबंकी में जरवल रोड की तरफ मोड़ा जाएगा। गोंडा और बलरामपुर से अयोध्या आने वाले वाहनों को मनकापुर से लखनऊ की तरफ मोड़ा जाएगा। इलाहाबाद, सुलतानपुर, अमेठी और रायबरेली से अयोध्या आने वाले वाहनों को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से अंबेडकर नगर होते हुए बस्ती और गोरखपुर की ओर मोड़ दिया जाएगा। गोरखपुर और बस्ती से अयोध्या आने वाले वाहनों को अंबेडकर नगर के कलवारी टांडा से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की ओर मोड़ा जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजकरण नैयर ने सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में अधिकारियों और प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कार्ययोजना और अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। नैयर ने पत्रकारों को बताया कि आवश्यकतानुसार सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, एटीएस, एसटीएफ और सीआरपीएफ के दो सौ कमांडो राम मंदिर और आसपास के इलाकों की सुरक्षा करेंगे।