Thursday, November 21, 2024
18.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeLATESTBajrang Punia: साक्षी के संन्यास के बाद बजरंग पूनिया ने किया पद्मश्री...

Bajrang Punia: साक्षी के संन्यास के बाद बजरंग पूनिया ने किया पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान

Google News
Google News

- Advertisement -

Bajrang Punia return Padma Shri award in protest over WFI chief election: भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम एक लंबा चौड़ा पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अपनी मांगे न सुनी जाने के कारण पद्मश्री लौटाने की बात भी कही है। बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन वाले संजय सिंह की जीत के बाद उन्होंने यहा फैसला लिया है। कल साक्षी मलिक इसी विरोध में कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर चुका हैं। ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर कर दी जानकारी।

बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने पत्र में क्या लिखा?

बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने पत्र में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस भारी व्यस्तता के बीच आपका ध्यान हमारी कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुएल हरासमैंट के गंभीर आरोप लगाए थे, जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था। आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए, जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जब बृजभूषण पर एफआईआर तक नहीं की तब हम पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करे, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी।

जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते आते 7 रह गई थी, यानी इन तीन महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था। आंदोलन 40 दिन चला। इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गई। हम सब पर बहुत दबाव आ रहा था। हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस नहस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें। इसलिए हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची। जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया। उसी समय आपके एक जिम्मेदार मंत्री का फोन आया और हमें कहा गया कि हम वापस आ जाएं, हमारे साथ न्याय होगा। इसी बीच हमारे गृहमंत्री जी से भी हमारी मुलाकात हुई, जिसमें उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनका साथ देंगे और कुश्ती फेडरेशन से बृजभूषण, उसके परिवार और उसके गुर्गों को बाहर करेंगे। हमने उनकी बात मानकर सड़कों से अपना आंदोलन समाप्त कर दिया, क्योंकि कुश्ती संघ का हल सरकार कर देगी और न्याय की लड़ाई न्यायालय में लड़ी जाएगी, ये दो बातें हमें तर्कसंगत लगीं।

लेकिन बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है। उसने स्टेटमैंट दी कि “दबदबा है और दबदबा रहेगा।” महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था। इसी मानसिक दबाव में आकर ओलंपिक पदक विजेता एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यास ले लिया। हम सभी की रात रोते हुए निकली। समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं, क्या करें और कैसे जिएं। इतना मान-सम्मान दिया सरकार ने, लोगों ने। क्या इसी सम्मान के बोझ तले दबकर घुटता रहूं। साल 2019 में मुझे पद्मश्री से नवाजा गया। खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। जब ये सम्मान मिले तो मैं बहुत खुश हुआ। लगा था कि जीवन सफल हो गया। लेकिन आज उससे कहीं ज्यादा दुखी हूं और ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं। कारण सिर्फ एक ही है, जिस कुश्ती के लिए ये सम्मान मिले उसमें हमारी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती तक छोड़नी पड़ रही है। खेल हमारी महिला खिलाड़ियों के जीवन में जबरदस्त बदलाव लेकर आए थे। पहले देहात में यह कल्पना नहीं कर सकता था कि देहाती मैदानों में लड़के-लड़कियां एक साथ खेलते दिखेंगे। लेकिन पहली पीढ़ी की महिला खिलाड़ियों की हिम्मत के कारण ऐसा हो सका। हर गांव में आपको लड़कियां खेलती दिख जाएंगी और वे खेलने के लिए देश विदेश तक जा रही हैं। लेकिन जिनका दबदबा कायम हुआ है या रहेगा, उनकी परछाई तक महिला खिलाड़ियों को डराती है और अब तो वे पूरी तरह दोबारा काबिज हो गए हैं, उनके गले में फूल-मालाओं वाली फोटो आप तक पहुंची होगी। जिन बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड अंबेसडर बनना था उनको इस हाल में पहुंचा दिया गया कि उनको अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा। हम “सम्मानित” पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं “सम्मानित” बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाउंगा। ऐसी जिंदगी कचोटेगी ताउम्र मुझे। इसलिए ये “सम्मान” मैं आपको लौटा रहा हूं।”

गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने से बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले रेसलर नाखुश हैं। दिल्ली में गुरुवार शाम को पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इस दौरान साक्षी मलिक भावुक हो गईं और कुश्ती त्यागने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अपने जूते उतारकर टेबल पर रख दिए थे और वहां से उठकर चली गई थीं।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

delhi election aap:आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पहली उम्मीदवार सूची जारी की

आम आदमी पार्टी (आप) ने(delhi election aap:) बृहस्पतिवार को दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने 11 उम्मीदवारों...

Adani Group:अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट, अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया

अदाणी(Adani Group:) समूह की कंपनियों के शेयरों में बृहस्पतिवार को सुबह के कारोबार में भारी गिरावट देखी गई, जिसके चलते समूह की सूचीबद्ध कंपनियों...

Bachchan Blog:अमिताभ बच्चन ने कहा, अटकलें तो अटकलें ही होती हैं

सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन(Bachchan Blog:) ने मीडिया में गलत सूचना प्रसारित किए जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए अपने ब्लॉग में कहा कि अटकलें...

Recent Comments