बांग्लादेश (bangladesh leader:)की एक अदालत ने प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ढाका और चटगांव समेत कई जगहों पर हिंदू समुदाय के सदस्यों के विरोध प्रदर्शनों के बीच ब्रह्मचारी को जेल भेज दिया गया।
हिंदू (bangladesh leader:)संगठन ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका में हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सोमवार को गिरफ्तार किया गया, जब वह चटगांव जा रहे थे। उन्हें चटगांव ले जाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया, जहां उनके कई समर्थक उनकी गिरफ्तारी के विरोध में नारे लगा रहे थे।
अदालत परिसर में जमा समर्थकों का दास ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। दास के समर्थकों ने धार्मिक नारे नहीं लगाने की उनकी अपील के बावजूद नारेबाजी की। दास के वकीलों ने चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम से अनुरोध किया कि उनके लिए भी गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएं। न्यायाधीश ने कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी और फिर वकीलों से जमानत अर्जी पेश करने को कहा।
सुनवाई के दौरान दास ने एक बयान दिया और दलीलें समाप्त होने के बाद इस्लाम ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि दास को शहर के बाहर से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें 24 घंटे न्यायिक हिरासत में रखा जाना आवश्यक है। अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि हिंदू धर्मगुरु को जेल संहिता के अनुसार उनके धार्मिक रीतिरिवाज का पालन करने की अनुमति दी जाए।
अदालत(bangladesh leader:) के आदेश के बाद दास के अनुयायियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और दास को लेकर जा रहे कैदी वाहन को रोका। प्रदर्शनकारी उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे। पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के सदस्यों ने गाड़ी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजीं और आवाज करने वाले गोले बरसाए। दास ने वाहन के अंदर से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
दास की रिहाई की मांग को लेकर ढाका, चटगांव, कुमिला, खुलना, दिनाजपुर और कॉक्स बाजार समेत विभिन्न जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं। ढाका में हिंदू समुदाय ने शाहबाग चौराहे को जाम कर दिया। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने भी दास की गिरफ्तारी का विरोध किया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।दास और 18 अन्य लोगों के खिलाफ 30 अक्टूबर को बीएनपी नेता की शिकायत पर चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। उन पर 25 अक्टूबर को हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान शहर के लालदीघी मैदान में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
स्थानीय शासन मामलों के सलाहकार आसिफ महमूद ने कहा कि दास को किसी समुदाय के नेता के तौर पर नहीं, बल्कि राजद्रोह के लिए गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेश की संप्रभुता और आजादी खतरे में पड़ती हैं या देश की अवमानना या अपमान होता है, तो सरकार निश्चित रूप से कदम उठाएगी।दास इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के सदस्य भी थे, जिसे हाल ही में उन्होंने निष्कासित कर दिया था। इस पर इस्कॉन के अधिकारियों की तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
इस बीच, भारत ने दास की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की और बांग्लादेशी अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है।