पश्चिम बंगाल के 12(bengal doctor : ) चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच सोमवार को स्वास्थ्य भवन में हुई महत्वपूर्ण बैठक बिना किसी समाधान के समाप्त हुई, जिसमें राज्य सरकार गतिरोध को हल करने के लिए समयसीमा तय करने में अनिच्छुक नजर आई। सूत्रों के अनुसार, चिकित्सकों के प्रतिनिधियों ने बैठक में स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया और पंत से अनुरोध किया कि वह अनशन पर बैठे कनिष्ठ चिकित्सकों से सीधे बातचीत करें।
bengal doctor : ढाई घंटे तक हुई बातचीत
सरकार के सूत्रों ने बताया कि निगम मंगलवार को आरजी कार मामले में उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई में शामिल होने के लिए नई दिल्ली गए हैं। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ. कौशिक चाकी ने कहा, “बैठक बेनतीजा रही। हमने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि किसी अधिकारी को अनशन पर बैठे युवा चिकित्सकों से बातचीत के लिए भेजा जाए, और उच्चतम दर्जे के अधिकारी को प्राथमिकता दी जाए।” हालांकि, मुख्य सचिव ने संकेत दिया कि वे कोई समयसीमा नहीं बता सकते।बाद में संवाददाताओं से बातचीत में पंत ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने कनिष्ठ सहकर्मियों को तत्काल भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। पंत ने कहा, “हमने लगभग ढाई घंटे तक विस्तार से बातचीत की, जिसमें अनेक चिंताएं उठाई गईं। कनिष्ठ चिकित्सकों की मांगों के संबंध में हमने चर्चा की। 10 मांगों में से सात को पूरा किया जा चुका है।”
बैठक में गृह सचिव और राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे
उन्होंने आगे कहा, “बाकी तीन मांगों के लिए वे विशिष्ट समयसीमा का अनुरोध कर रहे थे। ये प्रशासनिक निर्णय हैं, जिन पर राज्य को विचार करने की आवश्यकता है, इसलिए हम इस समय कोई समयसीमा नहीं दे सकते। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हमने उनके मुद्दों और शिकायतों पर ध्यान दिया है। हमने उनसे आग्रह किया कि वे जूनियर चिकित्सकों को उनकी भूख हड़ताल वापस लेने के लिए राजी करें, क्योंकि हम उनके स्वास्थ्य और कुशलता के प्रति चिंतित हैं।” बैठक में मुख्य सचिव के साथ गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती और राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।