देश रोजाना, हथीन। गांव आली ब्राह्मण में आयोजित श्री मद्भागवत कथा के तीसरे दिन सुबह हवन यज्ञ किया गया। हवन यज्ञ में आहूतियां देकर यजमानों ने विश्व कल्याण की कामना की। श्री धाम वृंदावन से आए आचार्य देवेश शरण महाराज द्वारा सती चरित्र, ध्रुव चरित्र व कपिल अवतार के प्रसंगों का वर्णन किया। बताया कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम व माता का नाम देवहूति था। शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म पितामह के शरीर त्याग के समय वेदज्ञ व्यास आदि ऋषियों के साथ भगवान श्री कपिल मुनि जी भी वहां उपस्थित थे। भगवान कपिल मुनि जी सांख्य दर्शन के प्रवर्तक हैं। श्री गुरू भगवान कपिल महामुनि जी भागवत धर्म के प्रमुख बारह आचार्यों में से एक हैं। बताया कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में भाग लेने पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव का आमंत्रण और उनका भाग न दिए जाने पर कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। इस अवसर पर डालचंद भारद्वाज,कांता देवी एवं दया राम शर्मा भी मौजूद रहे। कथा का समापन 27 नवम्बर को होगा। 28 नवम्बर सामूहिक भंडारा का आयोजन किया जाएगा।
श्री मद्भागवत कथा में सती चरित्र, ध्रुव चरित्र व कपिल अवतार के प्रसंगों की कथा सुनाई
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