भाजपा ने 67 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। सूची आने के बाद से कई जिलों में बगावत की स्थिति है। जिन लोगों को भाजपा से टिकट की उम्मीद थी और उन्हें भाजपा ने टिकट देने के लायक नहीं समझा, वे बगावत कर गए हैं। इनमें भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल, पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला सहित कई लोग शामिल हैं। इस बात की आशंका पहले भी थी क्योंकि 90 सीटों के लिए आवेदन करने वाले सभी लोगों को तो टिकट नहीं दिया जा सकता था। भाजपा की कल जारी हुई सूची पर यदि नजर डालें, तो साफ पता चलता है कि भाजपा ने सभी जातियों को साधने का प्रयास किया है। उसने सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा है। भाजपा ने जाट बिरादरी के 13 लोगों को टिकट देकर यह साबित करने का प्रयास किया है कि उसकी नजर में जाट बिरादरी का महत्व कम नहीं है।
भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर भले ही जातिगत जनगणना का विरोध करती हो, लेकिन जाट, ओबीसी, एससी सबको लगभग बराबर टिकट देकर उसने जातीय समीकरण को साधने का प्रयास किया है। भाजपा ने ओबीसी समुदाय के 14 और एससी समुदाय के 13 लोगों पर अपना दांव खेला है। कहा जाता है कि पिछली बार भाजपा से ब्राह्मण समुदाय का उतना समर्थन नहीं मिला था, जितनी अपेक्षा भाजपा ने की थी। इस बार भाजपा ने नौ टिकट ब्राह्मणों को देकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है। बिश्नोई समाज से भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के पुत्र भव्य बिश्नोई से आदमपुर और चौधरी दुड़ाराम बिश्नोई को फतेहाबाद से टिकट देकर बिश्नोई समाज को भी साधने का पूरा बंदोबस्त किया है।
कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा भी इस बार परिवार के मोह से मुक्त नहीं हो पाई है। पांच राजनीतिक परिवारों के सदस्यों को टिकट देने से भाजपा ने गुरेज नहीं किया है। कुलदीप बिश्नोई के पुत्र और विधायक भव्य बिश्नोई, कुछ ही महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाली किरण चौधरी को राज्यसभा में भेजने के साथ ही उनकी पुत्री श्रुति चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान और विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा को टिकट देकर उपकृत किया गया है।
कुछ ही दिन पहले भाजपा में शामिल होने वाले सात नेताओं को भी भाजपा ने टिकट देकर अपने कुछ नेताओं को नाराज कर दिया है। इन सात नेताओं को जो सीटें दी गई हैं, उन सीटों पर पहले से टिकट मिलने की आशा लगाए पुराने भाजपा नेताओं का गुस्सा होना स्वाभाविक है। जिन नेताओं ने भाजपा से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है, वे भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
-संजय मग्गू