हरियाणा की वर्तमान सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। जाहिर सी बात है कि इससे पहले ही विधानसभा चुनाव हो जाएंगे। चुनाव आयोग ने भी अपनी सक्रियता काफी हद तक बढ़ा दी है। चंडीगढ़ में चुनाव अधिकारियों ने अपनी बैठक के बाद जो संकेत दिए हैं, उस आधार पर यदि कहा जाए, तो चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी दिन किया जा सकता है। वैसे राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां बहुत पहले से शुरू कर दी है। 12 मार्च 2024 को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पद छोड़ने के बाद सीएम बनाए गए नायब सिंह सैनी अपने कार्यकाल के शुुरुआती दिनों से ही सक्रिय हैं। लोगों से संपर्क करना, लोगों की समस्याएं सुनना, उनका निराकरण करना जैसे काम वे पहले दिन से ही कर रहे हैं। इसके साथ ही जब जून में लोकसभा चुनाव परिणाम सामने आए तो प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन को पता चला कि उनकी जमीन दरक रही है।
यदि दरकती जमीन में कुछ भरा नहीं गया, तो विधानसभा चुनाव में तीसरी बार सरकार बनाने का सपना टूट सकता है। इसके बाद शुरू हुआ, नित नई घोषणाएं करने का दौर। युवा, महिला, गरीब और बेरोजगार को अपने पाले में लाने की कोशिश का दौर। मुख्यमंत्री सैनी ने पिछले कुछ दिनों में पांच घोषणाएं ऐसी की हैं जिनका यदि प्रभाव पूरी तरह से पड़ा, तो चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में जा सकता है। किसानों की 24 फसरों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला सैनी सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
यही नहीं, उज्जवला योजना के तहत 46 लाख परिवारों को पांच सौ रुपये में सिलेंडर गैस देने की घोषणा ने तो कांग्रेस, आप और जजपा-इनेलो को पस्त कर दिया है। अग्निवीरों को दस प्रतिशत आरक्षण की घोषणा करके नायब सिंह सैनी ने सैनिक परिवारों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। अग्निवीर योजना को लेकर पूरा विपक्ष सरकार को घेरने में लगा हुआ है। कांग्रेस ने तो यहां तक घोषणा की है कि यदि अगले लोकसभा चुनाव में उनकी सरकार बनी, तो वह इसे रद्द कर देंगे। सेना का मामला बहुत ही संवेदनशील होता है।
हर देश अपनी सेना को बड़े आदर और सम्मान की दृष्टि से देखता है। उनके बारे में लिए गए किसी भी गलत फैसले को जनता बर्दाश्त नहीं करती है। तमाम तरह की नौकरियों में भर्ती की घोषणा से युवाओं को लुभाने की कोशिश की गई है। इस आधार पर देखें, तो भाजपा को बढ़त हासिल होती हुई दिखाई दे रही है। लेकिन जिस तरह लोकसभा चुनावों में भाजपा को पांच सीटों का नुकसान हुआ है, उसको देखते हुए लगता है कि अभी भाजपा को और मेहनत करनी होगी। माहौल अभी बिगड़ा हुआ है। कांग्रेस काफी उत्साहित है। उसकी ‘हरियाणा मांगे हिसाब’यात्रा में जुटती भीड़ कुछ और ही कहानी कह रही है।
-संजय मग्गू