Tuesday, February 4, 2025
16.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeBiharBPSC Bihar:मुख्य सचिव की बैठक के बाद मंत्री का बयान,प्रश्नपत्र लीक का...

BPSC Bihar:मुख्य सचिव की बैठक के बाद मंत्री का बयान,प्रश्नपत्र लीक का सबूत नहीं मिला

Google News
Google News

- Advertisement -

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा (BPSC Bihar:)हाल ही में आयोजित की गई प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है।

मंत्री विजय कुमार (BPSC Bihar:)चौधरी का यह बयान मुख्य सचिव द्वारा प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के एक दिन बाद आया। उन्होंने कहा, “सरकार ने पीड़ित पक्ष की बात को ध्यान से सुना है, लेकिन अभी तक प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं मिला है।”मंत्री चौधरी ने कहा, “लोक सेवा आयोग का भी यही कहना है। एक परीक्षा केंद्र पर कुछ गड़बड़ी हुई थी और प्रभावित उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि, “एक साजिश के तहत प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाह फैलाई गई, लेकिन किसी को नहीं पता कि यह कहां और किसके पास लीक हुआ।”

बीपीएससी (BPSC Bihar:)ने संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित की थी। राजधानी पटना स्थित बापू परीक्षा परिसर में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया। आयोग ने 10,000 से अधिक प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए चार जनवरी को पुनः परीक्षा कराने का आदेश दिया है।हालांकि, बीपीएससी का मानना है कि बिहार के शेष 911 केंद्रों पर परीक्षा सही ढंग से आयोजित हुई और पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों की कोई शिकायत नहीं है। लेकिन कुछ अभ्यर्थियों ने “समान अवसर” सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों पर पुनः परीक्षा की मांग करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है।

राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का विरोध करने वाले सभी राजनीतिक दलों ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी आंदोलन में शामिल है। प्रशांत किशोर ने प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए प्रदर्शनकारियों से एक जनवरी तक धैर्य रखने की अपील की और कहा कि अगर सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठाती तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। पुलिस ने प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के एक अन्य नेता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है।

इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के नेताओं ने “राजभवन तक मार्च” निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वामपंथी दलों के सहयोगी कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भी इस मार्च में शामिल थे। भाकपा (माले) लिबरेशन ने पुलिस पर मार्च में भाग लेने वालों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।मार्च के बाद, पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में भाकपा (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता महबूब आलम, कांग्रेस के शकील अहमद खान, भाकपा के राम रतन सिंह और माकपा के अजय कुमार शामिल थे।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

औषधियों की खोज में लगे रहते थे चरक

बोधिवृक्षअशोक मिश्र भारतीय आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले राजवैद्य चरक पंजाब के कपिल स्थल नामक गांव में पैदा हुए थे। ऐसा माना जाता है।...

Recent Comments