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Budget 2024 : बजट से पहले कांग्रेस ने की MSP की कानूनी गारंटी की मांग

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बजट(Budget 2024 : ) पेश होने से एक दिन पहले यानी आज कांग्रेस ने कहा कि इस बजट में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की घोषणा करने की जरूरत है।

Budget 2024 : कर्ज माफी की आवश्यकताः जयराम रमेश

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से आग्रह किया कि किसान कर्ज माफी की आवश्यकता का आकलन करने, परिमाण का आकलन करने और कृषि ऋण माफी के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक स्थाई आयोग की स्थापना की जानी चहिए। रमेश ने  अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि केंद्र सरकार की तमाम विफलताओं में से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की क्षमताहीनता और दुर्भावना से भरा व्यवहार सबसे अधिक हानिकारक है।

Budget 2024 : ‘किसानों का कर्ज बहुत बढ़ा’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जहां संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने गेहूं की एमएसपी 119 प्रतिशत और धान की MSP 134 प्रतिशत बढ़ाई थी, वहीं मोदी सरकार ने इसे क्रमशः 47 प्रतिशत और 50 प्रतिशत बढ़ाया है। यह महंगाई और कृषि इनपुट की बढ़ती कीमतों के हिसाब से बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है। रमेश ने कहा कि किसानों का कर्ज बहुत बढ़ गया है। एनएसएसओ के अनुसार, 2013 के बाद से बकाया ऋण में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आधे से ज्यादा किसान कर्ज में डूबे हैं। 2014 के बाद से हमने एक लाख से अधिक किसानों को आत्महत्या करते देखा है।

‘तीन घोषणाओं की जरूरत’

कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि कल्याण के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आगामी बजट में तीन मुख्य घोषणाएं किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र से मांग की स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सी2+50 प्रतिशत के फार्मूले के अनुरूप एमएसपी के अंतर्गत आने वाली 22 फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाएं, एमएसपी को कानूनी दर्जा दें और इसे मजबूती से लागू करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करें।

‘2008 में 72हजार करोड़ का ऋण माफ किया गया था’

रमेश के मुताबिक, 2008 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग ने 72,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया था, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को लाभ हुआ था। उन्होंने दावा किया कि नान-बायोलाजिकल प्रधानमंत्री की सरकार ने पूंजीपतियों के 16 लाख करोड़ रुपए के बैंक ऋण माफ किए हैं। लेकिन दूसरी तरफ इस साल आरबीआई से रिकार्ड 2.11 लाख करोड़ का लाभांश मिलने के बावजूद उसने किसानों का एक रुपए का भी कृषि ऋण माफ नहीं किया।

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