मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट को कांग्रेस ने ‘नकलची’ तथा ‘कुर्सी बचाओ’ बजट (Budget Congress: )करार दिया । आगे कहा कि सरकार को मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने उसके चुनावी घोषणापत्र से कई बिंदुओं को ‘कापी-पेस्ट’ कर लिया।
Budget Congress: ‘महंगाई, बेरोजगारी व किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया’
मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तथा आम लोगों को कोई राहत प्रदान नहीं की गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि मोदी सरकार बचाओ बजट पेश किया है।
Budget Congress: ‘मोदी सरकार बचाओ बजट’
खरगे ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का “नकलची बजट” ! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी “रेवड़ियां” बांट रहा है, ताकि राजग सरकार बची रहे। यह “देश की तरक्की” का बजट नहीं, “मोदी सरकार बचाओ” बजट है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुईं हैं। डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुना करना, सब चुनावी धोखेबाजी निकली। ग्रामीण वेतन (आय) को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, मध्यम वर्ग और गांव-गरीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने लागू की थी।
‘महिलाओं के लिए कुछ नहीं’
उन्होंने दावा किया महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वे श्रम बल में अधिक से अधिक शामिल हों। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया, ‘एए’ को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया।
भाषण दिखावे पर केंद्रितः जयराम रमेश
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।