दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (CM DELHI:) सोमवार को कहा कि पराली जलाने के कारण वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से उत्तर भारत चिकित्सा आपात स्थिति का सामना कर रहा है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। आतिशी ने कहा कि केंद्र ने हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं।
आतिशी ने(CM DELHI:) आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब की सराहना करते हुए कहा कि यह एकमात्र राज्य है जहां पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में पराली जलाने के मामले बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है और बच्चों को सांस लेने के लिए इन्हेलर और स्टेरॉयड की जरूरत पड़ रही है।
सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता अत्यधिक गंभीर श्रेणी में पहुंच गई और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 दर्ज किया गया। दिल्ली में सुबह से ही ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य को रोकने सहित प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े उपाय उठाए गए हैं। घनी विषैली धुंध के कारण सुबह के समय दृश्यता में तेजी से गिरावट आई।