कांग्रेस ने एक बड़ा दांव चल दिया है। इस दांव का कितना असर होगा यह समय बताएगा। कांग्रेस ने महिला पहलवान विनेश फोगाट और पहलवान बजरंग पूनिया को अपने में शामिल करके भाजपा को घेरने की एक मुकम्मल योजना बना ली है। वैसे भाजपा ने भी दो खिलाड़ियों को इस बार चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने महम से कबड्डी की राष्ट्रीय टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा, अटेली से अंतर्राष्ट्रीय स्कीट शूटर आरती सिंह राव को टिकट दिया है। वैसे हरियाणा की राजनीति में खिलाड़ियों के जीतने का बहुत अच्छा रिकार्ड नहीं रहा है। प्रदेश में कई दिग्गज खिलाड़ी चुनाव लड़कर हार चुके हैं। लेकिन इस बार विनेश और बजरंग के मामले में माहौल थोड़ा जुदा है। हरियाणा में ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब राजनीति का दामन थामा था, जब वे अपने करियर के ढलान पर थे। वे एक तरह से फुके कारतूस हो चुके थे, लेकिन महिला पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया अपने करियर के शिखर पर हैं।
लगभग डेढ़ साल पहले विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक जैसे खिलाड़ी यौन शोषण के मामले को लेकर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चले आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हैं। उनके साथ शासन और प्रशासन का जो रवैया रहा, उससे सभी परिचित हैं। आंदोलन के दौरान इन प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों ने देश की महिलाओं, किसानों, युवाओं और राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन तब खुलकर महिला पहलवानों के साथ खड़े हुए थे। किसान आंदोलन के दौरान विनेश फोगाट भी अपने सहयोगियों के साथ किसानों का समर्थन करने उनके मंचों पर गई थीं। जब ओलंपिक खेलने की बात आई थी, तब भारतीय कुश्ती संघ के पदाधिकारियों और विनेश फोगाट के बीच कई तरह की बातें हुई थीं।
आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले थे। तब फोगाट ने आशंका व्यक्त की थी कि मुझे हराने के लिए ये लोग कुछ खिला-पिला सकते हैं। जब पेरिस ओलंपिक में विनेश सौ ग्राम वजन बढ़ने से डिसक्वालिफाई कर दी गईं तो देश की सहानुभूति स्वाभाविक रूप से विनेश के साथ हो गई। इन दिनों हरियाणा की खाप पंचायतों, किसान संगठनों और महिलाओं की सहानुभूति विनेश फोगाट के साथ है। इसका भरपूर लाभ कांग्रेस उठाएगी। कुछ किसान संगठन पहले से ही कांग्रेस के समर्थन में हैं। भाजपा को सबसे ज्यादा जाट बिरादरी के वोट मिलते रहे हैं। लेकिन विनेश और बजरंग पूनिया को अपनी पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस ने भाजपा के जाट वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। अब देखना यह है कि भाजपा इसकी काट कैसे करती है। वैसे भी भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह बयानबाजी करके भाजपा को और नुकसान पहुंचा रहे हैं।
-संजय मग्गू