कांग्रेस ने तेलंगाना(Congress Telangana:) में जारी जाति सर्वेक्षण को ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार दशकीय जनगणना को तीन साल में नहीं करा पाई, लेकिन तेलंगाना सरकार इसे तीन सप्ताह में पूरा करने की तैयारी में है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि पार्टी का शासन मॉडल ‘न्याय, सशक्तीकरण और कार्यान्वयन’ है।
तेलंगाना (Congress Telangana:)सरकार ने 6 नवंबर को व्यापक सामाजिक-आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण की शुरुआत की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का वादा किया था। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘तेलंगाना का जाति सर्वेक्षण एक ऐतिहासिक प्रशासनिक उपलब्धि है। इसके लिए राज्य सरकार ने अद्भुत योजना बनाई है और विस्तार पर विशेष ध्यान दिया है।’’ उन्होंने वानापर्थी ज़िले के सर्वेक्षण की प्रक्रिया पर ध्यान आकर्षित किया और बताया कि कैसे 2011 में आयोजित अंतिम जनगणना में हाथ से तैयार किए गए नक्शे का उपयोग किया गया था, जबकि तेलंगाना में गूगल अर्थ के माध्यम से डिजिटल मैपिंग की गई है।
रमेश (Congress Telangana:)ने आगे कहा, ‘‘अब, गणना करने वालों के पास प्रत्येक ब्लॉक का डिजिटल नक्शा है और अधिकारी सैटेलाइट मैपिंग के जरिए जनसंख्या और घरों की वृद्धि का ट्रैक रख सकते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जब गृह मंत्रालय दशकीय जनगणना का निर्णय लेता है, तो तेलंगाना और खासकर वानापर्थी जैसे ज़िले इसके लिए पूरी तरह तैयार होंगे।
रमेश ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की सरकार तीन वर्षों में जो नहीं कर पाई, वह तेलंगाना सरकार लगभग तीन सप्ताह में पूरा करने के लिए तैयार है।’’ उन्होंने बताया कि 80,000 गणनाकार 33 जिलों के 1.17 करोड़ घरों तक पहुंचकर उनकी आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक और जातिगत पृष्ठभूमि का सर्वेक्षण करेंगे। इसके परिणाम भविष्य में सरकार के नीति निर्धारण में दिशा प्रदान करेंगे। रमेश ने इसे कांग्रेस मॉडल के रूप में पेश किया, जिसमें न्याय, सशक्तीकरण और कार्यान्वयन पर जोर दिया गया है।