जब भी आंतकवाद का नाम आता है जम्मू कश्मीर का नाम सबसे पहले ज़हन में आता है लेकिन अब आंतकवादियो के सफाए के लिए सेना के हाथ सबसे Solid हथियार लगा है। जिससे एक भी आतंकवादी बच नहीं सकेगा। आज आपको बताएँगे क्या है Curl Gustaf M4
जम्मू कश्मीर के कोकरनाग में पहाड़ियों में छिपे हुए शातिर आंतकवादियो का सफाया करने के लिए अब सेना सबसे तेज और घातक हथियार का इस्तेमाल करेगी। जिसकी मार से बचना नामुमकिन है इस हथियार का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है वैसे तो इसे रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रैनेड लॉन्चर (Rocket-propelled grenade launcher) कहते है लेकिन इसे रिकॉयललेस राइफल या गन (Gun) के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे किया जाता है Carl Gustaf M4 का इस्तेमाल
इस मारक हथियार को कार्ल गुस्ताफ एम4 रिकॉयललेस राइफल (Carl Gustaf M4) जाता है। इसे स्वीडिश की कंपनी साब (SAAB) बनाती है लेकिन जल्द ही इसकी एक यूनिट भारत में दिखाई देगी। इस गन को कंधे पर रखकर चलाया जाता है। इसके 4 वैरिएंट होते है। M1 को 1946 में बनाया गया था। M2 को 1964 में बनाया गया था। M3 को 1986 में बनाया गया था।
भारत में M3 को म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड और एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड मिलकर बनाते हैं भारत की ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कार्ल गुस्ताफ 1200 मीटर रेंज वाली M3 बना रही है।
कब और कहां बनी Carl Gustaf M4
साल 2014 के दौरान कार्ल गुस्ताफ एम4 को बनाया गया। यह पूरी दुनिया के अत्याधुनिक रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रैनेड लॉन्चरों में से एक है इसका कुल वजन 6.6 किलोग्राम है और लंबाई 37 इंच है। इसे चलाने के लिए दो लोगों की जरुरत होती है जिनमें से एक गनर और दूसरा लोडर है इसमें 84 मिलिमीटर व्यास और 246 मिलिमीटर लंबा रॉकेट ग्रैनेड लगता है। यह एक मिनट में 6 राउंड दागने की क्षमता रखता है।