आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक (Delhi Kejriwal Yojana: )अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ‘जय भीम योजना’ और ‘फरिश्ते योजना’ को फिर से शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि जानबूझकर उन्हें जेल भेजने के बाद इन योजनाओं को रोका गया।
Delhi Kejriwal Yojana: कहा, हमारी जिम्मेदारी है गरीब बच्चों को समान अवसर उपलब्ध कराने की
एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने कहा कि जय भीम योजना वंचित बच्चों को शिक्षा के समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को आईआईटी और सिविल सेवा परीक्षाओं की कोचिंग के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया, “आईआईटी और सिविल सेवा की कोचिंग बहुत महंगी है। हमारी जिम्मेदारी है कि गरीब बच्चों को समान अवसर उपलब्ध कराए जाएं और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। लेकिन मेरे जेल जाने के बाद इसे जानबूझकर रोक दिया गया। आज हम इसे फिर से शुरू कर रहे हैं।” केजरीवाल ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक छात्र को 2,500 रुपये का वजीफा दिया जाएगा और लाभार्थियों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी।
केजरीवाल के साथ मुख्यमंत्री आतिशी भी उपस्थित
उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि सरकारी धन का उपयोग शिक्षा पर होना चाहिए और हम इस पर कोई सीमा नहीं लगाते।” दूसरी योजना ‘फरिश्ते’ सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को निजी अस्पतालों समेत किसी भी अस्पताल में निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान करती है। केजरीवाल के अनुसार, इस योजना को रोके जाने से पहले इससे 26,000 लोगों की जान बचाई गई थी। उन्होंने कहा, “हमने इस योजना की मदद से कई लोगों की जान बचाई और हम सुनिश्चित करेंगे कि यह दिल्ली के नागरिकों की सेवा करती रहे।” इस संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी भी उपस्थित थीं, जिन्होंने केजरीवाल और दोनों योजनाओं की प्रशंसा की। उन्होंने बाद में ‘एक्स’ पर लिखा, “अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने की साजिश रचकर मुख्यमंत्री जय भीम योजना को रोका गया। लेकिन गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का शिक्षा के माध्यम से उत्थान करने के अरविंद केजरीवाल के दृष्टिकोण के सामने ये सारी साजिशें नाकाम हो गईं।”