दिल्ली (delhi pollution:)की वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद यहां लागू ग्रैप-4 के प्रतिबंधों को हटाकर ग्रैप-3 को फिर से लागू कर दिया गया है। केंद्र के एयर क्वालिटी कमीशन ने मंगलवार को प्रदूषण के स्तर में कमी के बीच दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रैप स्टेज-4 के तहत लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है। अब दिल्ली के लोग अपनी बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल कारों से कहीं भी जा सकेंगे। इसके साथ ही, कक्षा 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाएं, जो ग्रैप-4 की वजह से ‘हाइब्रिड मोड’ में चल रही थीं, अब सामान्य रूप से चलेंगी और स्कूलों में छात्रों की चहलकदमी शुरू हो जाएगी।
मंगलवार (delhi pollution:)को दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई और 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) शाम चार बजे 369 रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों के अनुसार, अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता की स्थिति में और सुधार होने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर से ग्रैप-4 के हटने का मतलब है कि गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर से प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। इसके साथ ही नेशनल हाईवे, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों और पाइपलाइनों जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध भी हट जाएंगे। अब गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले डीजल ट्रक भी दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।
‘ग्रैप’ का(delhi pollution:) पहला चरण एक्यूआई के 201 से 300 के बीच (खराब श्रेणी) होने पर, दूसरा चरण 301 से 400 के बीच (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण 401 से 450 के बीच (गंभीर) होने पर और चौथा चरण 450 से अधिक (बहुत गंभीर) होने पर लागू होता है। दिल्ली के प्रदूषण का मुख्य स्रोत वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन है, जिसका अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 में 18.8 प्रतिशत का योगदान है। फिलहाल, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का कोई योगदान नहीं है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का मौसम खत्म हो चुका है।