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बेरोजगारी के चलते डंकी रूट से विदेश जाने को मजबूर युवा

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संजय मग्गू
कुछ साल पहले पंजाब और हरियाणा के शहरों से लेकर गांवों तक एक शब्द खूब प्रचलित था और वह शब्द है ‘कबूतर’। कबूतर शब्द पक्षी के लिए तो प्रयोग होता ही है, लेकिन उन लोगों को भी कबूतर कहा जाता है जो किसी गैरकानूनी तरीके विदेश जाते हैं और वहीं रहने लगते हैं। पंजाब और हरियाणा के गायक, फिल्म अभिनेता और अन्य गणमान्य लोग अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा आदि देशों में अपना कार्यक्रम पेश करने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ जाते थे और अब भी जाते हैं। कार्यक्रम के बाद कुछ लोग वहीं रह जाते हैं, जो उस देश की आबादी में घुल मिल जाते हैं। उनके पास वहां रहने की कोई कानूनी इजाजत नहीं होती है। ऐसे लोगों को कूट भाषा में कबूतर कहा जाता है। लेकिन अब कुछ वर्षों से कूट भाषा में ही डंकी रूट का जिक्र किया जाने लगा है। जब किसी देश का नागरिक अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में बिना किसी वैध पासपोर्ट वीजा के समुद्र या स्थल मार्ग से चोरी छिपे प्रवेश करता है, तो जिस रास्ते से वह इन देशों में जाता है, वह डंकी रूट कहा जाता है। हरियाणा में इन दिनों चुनाव के दौरान डंकी रूट के बहाने विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस बेरोजगारी की समस्या को लेकर भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही है। अभी कुछ ही दिन पहले करनाल के घोघड़ीपुर गांव में राहुल गांधी आए थे। अवैध तरीके से अपने ग्रुप के साथ अमेरिका पहुंचे अमित के परिजनों से मिलने। वहां अमित एक हादसे का शिकार हो गए थे और अमेरिकी दौरे के दौरान राहुल गांधी ने उनके परिवार वालों से मिलने का वायदा किया था। डंकी रूट से विभिन्न देशों में जाने वालों की तादाद हरियाणा में कम नहीं है। एक बहुत बड़ी संख्या में युवा विदेश में हैं। कारण यह है कि प्रदेश में बेरोजगारी बहुत है। पिछले कई सालों से हरियाणा बेरोजगारी के मामले में देश में सबसे ऊपरी पायदान पर खड़ा था। भाजपा सरकार इस बात से इनकार करती है, लेकिन हकीकत सभी जानते हैं। बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास प्रदेश सरकार करती रही है, लेकिन यह प्रयास भी बहुत अधिक सार्थक साबित नहीं होता दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस, आप, इनेलो, जजपा और अन्य दल बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमलावर है। भाजपा सरकार भी कुछ हद तक बैकफुट पर है। चुनाव प्रचार के दौरान हर भाजपा नेता बस इसी बात को दोहरा रहा है कि भाजपा सरकार ने पिछले दस साल में बिना पर्ची और बिना खर्ची के युवाओं को नौकरियां दी हैं। इसके बावजूद प्रदेश में लगभग दो लाख सृजित सरकारी पद खाली पड़े हैं। प्रदेश के पढ़े-लिखे युवक रोजगार या नौकरी न होने की वजह से कुंठित होकर नशा कर रहे हैं। वे नौकरी की तलाश में मजबूर होकर पलायन कर रहे हैं।

संजय मग्गू

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