देश रोज़ाना: ज्यादा नहीं, बस पांच-दस साल में ही दुनिया में तकनीक की सुनामी आने वाली है। एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक नया दौर शुरू होने वाला है। अब सवाल यह है कि हम इसके लिए कितने तैयार हैं। हमारे भाग्य विधाता कहे जाने वाले राजनीतिक दल इस मामले को लेकर कितना गंभीर हैं? हमारे देश का आम जनमानस इस बात को किस रूप में लेगा या ले रहा है, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। कारण यह है कि ऐसे मामले में लोगों को जानकारी ही नहीं है।
जानकारी के अभाव में लोग कहें भी तो क्या कहें? लेकिन यह तो तय है कि पांच-छह साल में हमारी दुनिया एकदम बदल जाने वाली है। हमारी जीवनशैली, हमारे काम करने का तरीका, हमारी सोच सबमें आमूलचूल परिवर्तन होने वाला है। और ताज्जुब यह है कि हम अभी तक इससे पूरी तरह अंजान हैं। लोगों को शायद ही यह पता हो कि अब तक दुनिया में सात ह्यूमनाइड रोबोट अस्तित्व में आ चुके हैं सोफिया, एटलस, अमेका, नाडिन, एसियो, इरिका और ओसिना। एआई तकनीक से लैस और कई भाषाओं में निपुण सोफिया ह्यूमनाइड सऊदी अरब की रोबोट नागरिक है। एआई से संचालित रोबोट निकट भविष्य में शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा, खेती जैसे तमाम क्षेत्रों में इंसान से कहीं ज्यादा दक्षता से संचालित होने वाले हैं। जिन जटिल आपरेशन को करने से पहले हमारे चिकित्सक कई बार खतरा उठाने से हिचकेंगे, वह एआई रोबोट पलक झपकते ही कर देंगे।
यह मानव समाज की एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, हमें यह भी याद रखना चाहिए। औसत इंसान से पांच-छह हजार गुना स्मार्ट रोबोट जब उपलब्ध होगा, तो इंसान के रूप में अपनी जिंदगी कई खूबसूरत वर्ष पढ़ाई में बिताने वाले चिकित्सक की क्या आवश्यकता रह जाएगी। स्कूल, अस्पताल, बस, रेलगाड़ी, सभी प्रकार के कार्यालयों, भवन निर्माण, फैक्ट्रियों में इंसान के बजाय रोबोट भर्ती किए जाएंगे। ये रोबोट इंसान से कहीं ज्यादा दक्ष होने की वजह से हर काम में लगाए जाएंगे। कुछ देशों ने तो अपने देश की सीमाओं पर इंसानी सैनिक की बजाय संवेदनशील और लड़ने में ज्यादा रोबोट तैनात करने की योजना बना रहे हैं। यदि ऐसी ही सोच उनके पड़ोसी देशों की हुई, तो संभव है कि सीमाओं पर होने वाला युद्ध रोबोट युद्ध हो।
ऐसा युद्ध इंसानी युद्ध से कहीं ज्यादा मानवघाती और विध्वंसक साबित हो सकता है। सैकड़ों किमी दूर से संचालित होने वाले रोबोट मानव बस्तियों में घुसकर भयंकर तबाही मचा सकते हैं। इसके साथ ही एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि सब कुछ एआई संचालित रोबोट करेंगे, तो इंसान क्या करेगा? दुनिया भर के अरबों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। जब एक रोबोट में सौ से ज्यादा इंसान का काम करने की क्षमता होगी, तो सैकड़ों इंसानों का रोजगार तो मारा जाएगा न! इन लोगों की आजीविका कैसे चलेगी? इनके परिवार का पालन पोषण कैसे होगा? यह एक विचारणीय सवाल है जिसका जवाब समय रहते खोजना होगा।
– संजय मग्गू