प्रदेश सरकार ने अब हरियाणा में निर्मित होने वाली शराब की हर बोतल और पेटी पर बारकोड लगाना शुरू कर दिया है। इसका फायदा यह होगा कि राज्य में निर्मित शराब कब बनी, कहां बनी और किसने बेची, बारकोड के माध्यम से जाना जा सकता है। इसका दूसरा फायदा यह होगा कि प्रदेश में अवैध और जहरीली शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सकेगी। इसका तीसरा फायदा यह होगा कि सरकार को शराब से होने वाली आय भी बढ़ेगी। वैसे प्रदेश में जहरीली शराब का बिकना रोकना बहुत जरूरी है।
जहरीली शराब ने प्रदेश के कई परिवारों को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है। इसी साल जहरीली शराब ने कई परिवारों की दीपावली काली कर दी थी। जहरीली शराब पीने से ग्यारह लोगों की मौत हो गई थी जिसमें से नौ लोग यमुनानगर और दो लोग अंबाला के रहने वाले थे। जहरीली शराब बेचने वालों के थोड़े से लालच ने कई परिवारों के जीवन में अंधेरा कर दिया। यह एक बड़ी त्रासदी थी। हरियाणा और पंजाब में तो वैध और अवैध दोनों तरह की शराब भारी मात्रा में खरीदी-बेची जाती है। शराब माफिया सरकार और सरकारी मशीनरी की आंख में धूल झोंककर जहरीली शराब बेचते रहते हैं, लोग पीकर मरते रहते हैं।
यही वजह है कि शराब माफिया बोतलों और पेटी पर बारकोड लगाने को तैयार नहीं थे। वे चाहते थे कि अवैध शराब की बिक्री का कारोबार अबाध चलता रहे। जब जहरीली शराब के कारण कोई हादसा होता है, तो कुछ दिनों तक खूब हो हल्ला होता है। बाद में सब कुछ ठंडा पड़ जाता है। हरियाणा जब पंजाब का हिस्सा था, तब भी यहां खूब धड़ल्ले से अवैध शराब बिकती थी। सन 1980 में जींद जिले में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई थी।
इतना ही नहीं, 1983 में भी सिरसा जिले में सौ लोगों की मौत हो गई थी। अभी कुछ साल पहले 2020 में सोनीपत और पानीपत में चार दिन के भीतर ही 31 लोगों को जहरीली शराब के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी थी। यह स्थिति अब प्रदेश में पैदा न हो, इसका प्रयास सरकार कर रही है। पेटी और बोतल पर बारकोडिंग ऐसा ही एक प्रयास है। राज्य सरकार की भविष्य में यह भी योजना है कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों में बनने वाली शराब हरियाणा में बिना बारकोडिंग के नहीं बिके।
इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपने सभी पड़ोसी राज्यों को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा तक शराब की बोतलों और पेटियों पर बारकोडिंग नहीं की गई, तो ऐसी शराब की बिक्री को प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। सचमुच यदि पड़ोसी राज्यों से बिक्री के लिए आने वाली शराब की बोतलों पर बारकोडिंग की व्यवस्था हो जाती है, तो काफी हद तक हरियाणा में अवैध और जहरीली शराब की बिक्री पर रोक लग सकेगी।
-संजय मग्गू