3 जून एक ऐसी तारिक जो सबको याद रहेगी क्योकि इस दिन ओडिशा के बालासोर जिले में इतना बड़ा हादसा हुआ। इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 280 हो गई हैं। वही घायल लोगो की कम से कम 900 से अधिक संख्या हो गयी है। यह पहली बड़ी रेल दुर्घटना है जो केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद हुई। पिछले 15 वर्षों में सबसे भीषण रेल हादसे में से एक है। 2016 में बड़ी रेल दुर्घटना देश में पिछली बार हुई थी। कानपुर में 20 नवंबर 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमे 150 आदमी काम से काम मरा था। 150 से अधिक घायल हो गए थे
इससे पहले 13 जनवरी 2022 को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार क्षेत्र में पटरी से उतर गए, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई थी और 36 अन्य घायल हो गए थे। वहीं, 18 अगस्त 2017 को पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर में पटरी से उतर गई। इसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 60 अन्य घायल हो गए थे।
एक मालगाड़ी और हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के पास 22 मई 2012 को टकरा गयी थी। 25 लोगों की मौत ट्रेन के चार डिब्बों के पटरी से उतरने और उनमें से एक में आग लगने के कारण हो गई थी। जिसमे लगभग 43 घायल हो गए थे।