मानव समाज की सबसे बड़ी बुराई नशा करना है। हजारों साल पहले जब मनुष्य अपने विकास पथ पर अग्रसर हो रहा था, तो उसने एक ऐसी बुराई की खोज कर ली जिसने कालांतर में न केवल समाज को नुकसान पहुंचाया, बल्कि नैतिक पतन का कारण भी बना। वह थी नशीले पदार्थ की खोज। अनुमान लगाया जाता है कि प्राचीनकाल में किसी व्यक्ति ने बस यों ही पौधे के गुणों का पता लगाने के लिए गांजा या भांग की पत्तियों का सेवन किया होगा।
इसके बाद तो मजे के लिए इसका उपयोग होने लगा। गांजा, भांग, अफीम, तंबाकू जैसे नशीले पदार्थों की खोज सदियों पहले कर ली गई थी। कालांतर में इसमें नए-नए प्रयोग किए जाने लगे। आधुनिक युग में तो न जाने कैसे-कैसे घातक पदार्थ खोज लिए गए हैं। यह शरीर को न केवल नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि व्यक्ति को अपराध की ओर मोड़ देते हैं। मनुष्य इनका सेवन करने के बाद विवेकहीन हो जाता है जिसके चलते व्यक्ति बलात्कार, हत्या और अन्य किस्म के अपराधों को अंजाम दे बैठता है।
समाचार पत्रों में आए दिन ऐसी खबरें प्रकाशित होती रहती हैं कि शराब पीने के दौरान थोड़ी सी बहस होने पर हुई दोस्त की हत्या। नशीले पदार्थ का सेवन करने से मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता है। वह ऐसी अवस्था में अपराध कर बैठता है। प्रदेश सरकार नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने की हर संभव प्रयास कर रही है। आए दिन हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में छापे मारे जा रहे हैं। लाखों-करोड़ों रुपये के मूल्य के नशीले पदार्थ बरामद किए जा रहे हैं। इसके बावजूद अवैध नशीले पदार्थ की बिक्री पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है।
इस मामले में कुछ लापरवाही सरकारी महकमे की भी है। प्रदेश में नशा माफिया की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उनका समूल नाश असंभव प्रतीत होता है। शायद ही कोई शहर या कस्बा हो जहां अवैध नशीले पदार्थ लोगों को उपलब्ध न हों। अवैध नशीले पदार्थ के कारोबार में अब तो महिलाओं और लड़कियों ने भागीदारी शुरू कर दी है। पुरुषों की जगह महिलाएं अब नशा बेचती हुई पाई जा रही हैं। नशीले पदार्थ बेचने वालों का सबसे साफ्ट टारगेट स्कूल-कालेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं होते हैं। इन स्कूल-कालेजों के आसपास महिलाएं नशीले पदार्थ को आसानी बेच देती हैं।
इन पर आसानी से शक भी नहीं होता है। हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले पकड़ में आए हैं। स्कूल-कालेज के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री वास्तव में चिंताजनक है। सरकार को युवा पीढ़ी को नशीले पदार्थों के चंगुल से निकालने के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए। जिस देश या प्रदेश की युवा पीढ़ी नशे के गर्त में चल जाती है, उस प्रदेश की प्रगति को लकवा मार जाता है। प्रदेश की उन्नति और समृद्धि के लिए युवाओं को नशामुक्त करना ही होगा।
-संजय मग्गू