सभी घरों में शाम की चाय के साथ नाश्ते में फ्रोजन फूड (Frozen Foods : ) को पसंद किया जाता है। अक्सर देखने को मिलता है कि सुबह ब्रेकफास्ट बनाने से बचने के लिए कई मदर अपने बच्चों को भी लंचबाक्स में फ्रोजन फूड दे देती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है यह सुविधाजनक और किफायती है, और इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। फ्रोजन फूड वह खाद्य पदार्थ होते हैं जो किसी ठंडे स्थिति में स्थिर या ठंडा किया गया होता है, जिससे उनकी अवधि बढ़ जाती है । ताजे खाने की तुलना में फ्रोजन फूड को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। फ्रोजन फूड (Frozen Foods) में हाइड्रोजेनेटेड पाम आयल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट होते हैं। इसके अलावा इनमें स्टार्च और ग्लूकोज से बने कार्न सिरप जैसे प्रिजर्वेटिव (Preservative) का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं कि ये फ्रोजन फूड किस तरह से आप बीमारियों को न्योता दे रहे हैं।
Frozen Foods : कैंसर का बढ़ता है खतरा
बहुत ज्यादा फ्रोजन फूड के सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। रिसर्च से पता चलता है कि फ्रोजन फूड, खासतौर से फ्रोजन मीट खाने से पैनक्रिएटिक कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। एक स्टडी के अनुसार, फ्रोजन हाट डाग, मसालेदान नानवेज और सास खाने से कैंसर का खतर 65 फीसदी तक बढ़ जाता है।
Frozen Foods : हाई ब्लडप्रेशर
फ्रोजन चीजों खास तौर पर चिकन नगेट्स, पिज्जा, कबाब, आलू टिक्की और फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजों को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें मोनो-सोडियम ग्लूटामेट और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व मिलाए जाते हैं। ऐसी चीजों के सेवन से लोगों का ब्लडप्रेशर बढ़ता है।
मोटापा और बैड कालेस्ट्राल
फ्रोजन फूड में टिक्का, फ्रेंच फ्राई, चिकेन नगेट्स, मटन कोफ्ता, स्प्रिंग रोल आदि कई ऐसी चीजें होती है, जिन्हें डीप फ्राई करने की जरूरत पडती है। इससे वजन बढने का खतरा रहता है। फ्रोजन नॉनवेज में कई तरह के सैचुरेटेड फैट होते हैं, जो बैड कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बढाते हैं।