उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने(Gita Mahotsav:) कहा कि हर किसी को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पेड़ लगाना होगा और इसे जन अभियान बनाना होगा। इस अभियान में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी को शामिल करना होगा। तभी व्यापक स्तर पर इस अभियान का असर दिखाई देगा और हम अपनी प्रकृति को बचाने में कुछ हद तक कामयाब होंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे जहां उन्होंने पौधारोपण किया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री नायब सैनी भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति(Gita Mahotsav:) ने राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और हरियाणा पवेलियन में पहुंचे। उन्होंने प्राचीन लुप्त होती चीजों के प्रदर्शन को देखकर कहा कि इसने उन्हें बहुत प्रभावित किया। उन्होंने शिल्पकारों की जमकर तारीफ की और मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि हमें प्राचीन चीजों को संरक्षित रखने के लिए प्रयास करने होंगे। उपराष्ट्रपति ने कई शिल्पकारों से भी चर्चा की, उनकी वस्तुएं खरीदीं और उन्हें उनके पैसे भी चुकाए।इसके बाद उपराष्ट्रपति गीता ज्ञान संस्थान में पहुंचे, जहां उन्होंने गीता के महत्व पर बल दिया और कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के चलते ब्रह्मसरोवर के घाटों पर देश की लोक संस्कृति का महाकुंभ देखने को मिला। इस महाकुंभ में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, राजस्थान, और उत्तराखंड के कलाकार अपने-अपने प्रदेश के लोक नृत्यों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।
दर्शक सरस और शिल्प मेले में शिल्प कलाओं और देश की लोक संस्कृति का आनंद ले रहे हैं और शिल्पकारों की कारीगरी की सराहना कर रहे हैं। महोत्सव के मंच पर विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति को देखकर हर कोई आनंदित महसूस कर रहा है। वहीं कलाकार भी दर्शकों के उत्साह को देखकर मदमस्त होकर अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं।