विश्व स्तरीय अधोसंरचनाओं को विकसित कर कैसे कोई राज्य पूरे देश का डेवलमेंट मॉडल बन सकता है, गुजरात इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है। पढ़ें गुजरात के उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत का लेख
देश की प्रगति और समृद्धि की नींव उसके मजबूत अधोसंरचना को बनाने और उसे बनाए रखने की क्षमता में निहित होती है। विश्व स्तरीय अधोसंरचनाओं को विकसित कर कैसे कोई राज्य पूरे देश का डेवलमेंट मॉडल बन सकता है, गुजरात इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है।
वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए एक अभिनव पहल ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ ने जब गुजरात की आर्थिक दशा और दिशा को बदलने का काम किया तब इसने राज्य में विश्व स्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना के स्थायित्व का भी नेतृत्व किया।
पिछले 20 सालों में गुजरात ने रोड कनेक्टिविटी से लेकर रेल कनेक्टिविटी तक, और पोर्ट कनेक्टिविटी से लेकर एयरपोर्ट कनेक्टिविटी तक, हर क्षेत्र पर उत्कृष्ट कार्य कर भौतिक अधोसंरचना में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवाया है। हमारे प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि किसी भी देश की अधोसंरचना की गुणवत्ता उसकी आर्थिक पथ को आकार देने में महत्वपूर्ण निर्धारक के रूप में काम करती है। उन्होंने अपने इस आदर्श विचार को व्यवहार में भी लाया और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने आदिवासी क्षेत्र से लेकर समुद्री तटों तक, और औद्योगिक क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक राज्य के हर कोने तक सुगम सड़क संपर्क पर काम किया। आज गुजरात में मौजूद वर्ल्ड क्लास रोड नेटवर्क उन्हीं के पुरुषार्थ का परिणाम है जिसका लाभ आज की औद्योगिक और सामाजिक पीढ़ी दोनों को हो रहा है।
सड़कों से आगे बढ़ते हुए गुजरात की रेल कनेक्टिवटी भी देश के बाकी हिस्सों की तुलना में रणनीतिक रूप से कहीं अधिक बेहतर और सुनियोजित है। गुजरात रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड (जी-राइड) के माध्यम से राज्य सरकार औद्योगिक प्रदेशों, बंदरगाहों एवं दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) के साथ रेलवे कनेक्टिविटी को सुनिश्चित कर रही है। गुजरात की इस पहल से राज्य की वैश्विक निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में भी काफी वृद्धि हुई है। इसके अलावा अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट भी तेजी से कार्यरत है जो भविष्य में देश को पहली बुलेट ट्रेन का गौरव भी देगा।
इसी तरह गुजरात की पोर्ट कनेक्टिविटी भी औद्योगिक व आर्थिक नजरिए से गुजरात को सबसे खास बनाती है। भारत के सबसे पहले प्राइवेट पोर्ट के निर्माण से लेकर आज के अति आधुनिक निर्माणाधीन ग्रीन फील्ड पोर्ट तक गुजरात ने पोर्ट कनेक्टिविटी में एक लंबी यात्रा को तय कर लिया है। गुजरात का पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर इतना बेहतर है कि आज गुजरात देश का 40 प्रतिशत से अधिक कार्गो अकेले हैंडल करता है। अपने बेहतरीन पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण ही आज गुजरात भारतीय उत्पादों के निर्यात योगदान में भी देश में सबसे आगे है।
इतना ही नहीं, गुजरात के भावनगर में विकसित हो रहे विश्व के पहले सीएनजी टर्मिनल और ब्राउन फील्ड पोर्ट भी आगामी समय के लिए न केवल गुजरात की आर्थिक डोर को बांधे रखेंगे बल्कि भारत के लिए भी व्यापार संभावनाओं की कई लंबी श्रृंखला का नेतृत्व करेंगे।
गुजरात के लिए तो यह गौरव की बात है कि बहुत ही सीमित संसाधनों के बावजूद पिछले डेढ़ दशक से गुजरात लगातार पॉवर सरप्लस स्टेट की उपाधि को लिए हुए है। समय से हमेशा एक कदम आगे चलना आज गुजरात की विशेष पहचान गई है। वर्तमान और भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा पर अपनी निर्भरता को अधिक बढ़ाना इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का है। उनका मानना है कि भारत के पास वो सभी शक्तियां और संसाधन हैं जिनसे हम अगले 25 वर्षों में एक विकसित राष्ट्र बनने का सपना पूरा सकते हैं। मेरा मानना है कि भौतिक और औद्योगिक अधोसंरचना की विशेषताएं उनके इस संकल्प को सफल बनाने में गुजरात को न केवल सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करेंगी बल्कि आने वाले समय में भी देश के इकोनॉमिक सेक्टर में भी कई नई अपार संभावनाओं का सृजनकर्ता बनेंगी।
बलवंतसिंह राजपूत, उद्योग मंत्री, गुजरात