केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात(Gujrat Flood: ) में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम (आईएमसीटी) गठित की है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह टीम जल्द ही गुजरात के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेगी, जहां 25 से 30 अगस्त के बीच भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हुई थी। बारिश से संबंधित घटनाओं में 26 और 27 अगस्त को राज्य भर में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई।
Gujrat Flood: राज्यों की स्थिति पर गृह मंत्रालय नजर रख रहा है
बयान में बताया गया है कि गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के कार्यकारी निदेशक के नेतृत्व में इस अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम का गठन किया है। यह टीम गुजरात में वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगी। इसके अलावा, मध्य प्रदेश और राजस्थान भी भारी से बहुत भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं, और इन राज्यों की स्थिति पर भी गृह मंत्रालय नजर रख रहा है। यदि इन राज्यों से व्यापक नुकसान की सूचना मिलती है, तो वहां भी आईएमसीटी भेजी जाएगी।
आईएमसीटी का गठन किया गया
इस साल हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है। गृह मंत्रालय ने कहा कि वह इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों को पूरी तरह सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है। अगस्त 2019 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, गृह मंत्रालय ने इस वर्ष आईएमसीटी का गठन किया है। इस टीम ने पहले ही बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम, केरल, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों का दौरा किया है और उनके ज्ञापन का इंतजार किए बिना मौके पर जाकर नुकसान का आकलन किया है। नगालैंड के लिए भी आईएमसीटी का गठन किया गया है, जो जल्द ही राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी।
आपदा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम
बयान में यह भी बताया गया है कि अतीत में आईएमसीटी राज्य सरकार से ज्ञापन प्राप्त होने के बाद ही आपदा प्रभावित राज्यों का दौरा करती थी, लेकिन अब यह टीम अधिक त्वरित और प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है। इस बदलाव के पीछे उद्देश्य है कि आपदा प्रभावित राज्यों में नुकसान का आकलन तेजी से किया जा सके और आवश्यक सहायता जल्द से जल्द प्रदान की जा सके। इस मानसून के दौरान, कुछ अन्य राज्य भी भारी वर्षा, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। गृह मंत्रालय इन सभी मामलों पर बारीकी से नजर रख रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है। केंद्र सरकार की यह पहल राज्य सरकारों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रभावित लोगों को समय पर सहायता और राहत मिल सके।