सुप्रीम कोर्ट (Haryana congress:) ने हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रवैये को “अमानवीय” और “मनमाना” करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि लगभग 15 घंटे तक पूछताछ करना और किसी को बयान देने के लिए मजबूर करना अवैध है।
न्यायमूर्ति (Haryana congress:) अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि ईडी का यह रवैया चौंकाने वाला है। यह मामला किसी आतंकवादी गतिविधि से संबंधित नहीं है, बल्कि अवैध रेत खनन से जुड़ा है। अदालत ने कहा, “इस तरह के मामलों में लोगों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।”सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताया गया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह फैसला केवल गिरफ्तारी की वैधता पर आधारित है और इसका पीएमएलए के तहत चल रही शिकायत के गुण-दोष पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ईडी के (Haryana congress:) वकील जोहेब हुसैन ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने गलत निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान रात के भोजन के लिए ब्रेक दिया गया था और यह प्रक्रिया ईडी के 2024 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप थी।हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अवैध खनन को पीएमएलए की अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, इस आधार पर पंवार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। कोर्ट ने माना कि खान एवं खनिज अधिनियम (एमएमडीआर) के तहत अवैध खनन एक अपराध है, लेकिन यह पीएमएलए के तहत नहीं आता।
सुरेंद्र पंवार को 20 जुलाई 2024 को गुरुग्राम में हिरासत में लिया गया और अंबाला की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया। उन्हें 29 जुलाई 2024 तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ईडी को सख्त निर्देश दिए हैं कि पूछताछ के दौरान मानवाधिकारों का पालन सुनिश्चित किया जाए।