Insurance Claims: हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इन बातों का ख़ास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। अगर आप इन बातों को ध्यान में ना रखते हुए इन्हे इग्नोर करते हैं, तो इस स्थिति में आप का क्लेम खारिज़ भी हो सकता है।
Health Insurance Claim: अगर आपने भी हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है या लेने का सोच रहे हैं, तो आपको इन चीजों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आज के इस दौर में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना पहले से काफी आसान हो गया है। इसे अब आप खुद ही घर बैठकर ऑनलाइन खरीद सकते हैं, लेकिन कई बार इसको लेते समय आपसे गलती हो जाती है और इससे आपको भविष्य में क्लेम लेने में दिक्कत आती है। पॉलिसी लेने के बाद इसके क्लेम के समय किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना काफ़ी जरूरी है।
इसलिए जरूरी है कि आप हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इन 5 बातों का ख़ास ध्यान रखें जिससे आपको भविष्य में क्लेम लेते समय कोई परेशानी न हों।
Claim Process
आप और हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली कंपनी एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत बंधी है, इसलिए आपको क्लेम प्रोसेस करते समय सभी जानकारी देना ज़रूरी होता है, और क्लेम लेते समय इन बातो का भी ध्यान रखना चाहिए।
पहले से मौजूद बीमारियां
हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली कंपनियां पॉलिसी बेचते समय पहले से मौजूद बीमारी की कोई जिम्मेदारी नहीं लेती, यदि आप पहली बीमारियों के कारण बीमार पड़ जाते हैं, तो हेल्थ इंशोरेंस आप को कोई क्लेम नहीं देता हैं।
पॉलिसी पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की आमतौर पर एक साल का टाइम पीरियड होता है। एक साल के अंत में पॉलिसी रिन्यू करानी पड़ती है, अगर आप इसे रिन्यूअल नहीं कराते तो पॉलिसी समाप्त हो जाएगी। पॉलिसी समाप्त होने पर आप का किसी प्रकार का दावा नहीं सुना जाएगा।
वेटिंग पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में वेटिंग पीरियड से तात्पर्य आपको बीमा का फायदा उठाने के लिए एक निश्चित गैप का इंतजार करना होगा। ऐसे में समय से पहले क्लेम लेने का दावा खारिज कर दिया जाएगा।
कुछ खास मामले
पॉलिसी लेते समय कुछ शर्तें दी जाती हैं, जिनके तहत आपकी बीमारी का एक फाइनेंशियल कवर दिया जाता है। इससे बचने के लिए पॉलिसी से जुड़े दस्तावेजों को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए, यदि आपको किसी भी प्रकार का संदेह है तो आपको हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से इसे समझना चाहिए।