अधिकमास से शुरू हुई बृज की ऐतिहासिक 84 कोस परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालुओं का दल अब पूरी तरह से आना शुरू हो गया है। इसके बाद भी सरकार व जिला प्रशासन द्वारा मार्ग में श्रद्धालुओं के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। ऐसे में प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम के दावे खोखले नजर आ रहे है । जिससे श्रद्धालुओं से लेकर स्थानीय लोगों में भी रोष बना हुआ है।
बता दें कि पुन्हाना उपमंडल के बृज से लगते हुए बिछौर व नीमका गांव से होकर हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन 84 कोस परिक्रमा दे रहे है । चिलचिलाती गर्मी में करीब 250 किलोमीटर का सफर पैदल एवं नंगे पांव श्रद्धालु इस यात्रा के दौरान करते है । जिसको लेकर आसपास के लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने से लेकर आराम करने तक का इंतजाम किया हुआ है। लेकिन सरकार व प्रशासन इतनी बड़ी आस्था से जुड़ी परिक्रमा को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है। सरकार व प्रशासन द्वारा पीने के पानी से लेकर शौचालय आदि की कोई सुविधा नहीं की गई है।
रास्ते को भी साफ नहीं कराया जा रहा है। रास्ते में कीचड़ बनी हुई है। जहां से मजबूरन श्रद्धालुुओं को नंगे पैर निकलना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग को जिला प्रशासन की और से पत्र जारी कर निर्देश दिए हुए है कि प्रतिदिन डाक्टरों की टीम श्रद्धालुओं के उपचार के लिए गांव में ही मौजूद रहेगी,लेकिन स्थानीय डाक्टर जिला प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मौके से गायब रहते है। जिससे श्रद्धालु मरीज उपचार के लिए इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर होते है।
सरकारी डाक्टरों की लापरवाही से परिक्रमा मार्ग में झोलाछापों की बाढ़ आ गई। जो न केवल श्रद्धालुओं से मनमानी रकम वसूल रहे है बल्कि गलत दवाईयां देकर उनके स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे है। लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व जिला उपायुक्त प्रशांत पंवार से परिक्रमा मार्ग में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है। बृज 84 कोस परिक्रमा के दौरान नीमका गांव से गुजरते हुए श्रद्धालु एंबुलेंस के समीप दवाइयों के लिए खड़े श्रद्धालु। परिक्रमा मार्ग में जाकर स्वास्थ्य सुविधा का जायजा लिया जाएगा,अगर कर्मचारियों द्वारा कहीं किसी प्रकार की कोई लापरवाही बरती जा रही है तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।