केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कर्मचारी(Himachal CBI:) भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दो अधिकारियों और एक परामर्शदाता को 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीबीआई के एक बयान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले स्थित ईपीएफओ-बद्दी में तैनात क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, प्रवर्तन अधिकारी और एक निजी परामर्शदाता को शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये (5 लाख रुपये नकद और 5 लाख रुपये का “सेल्फ चेक”) रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
शिकायतकर्ता (Himachal CBI:)ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन अधिकारी ने उसकी फर्म के भविष्य निधि मामले को अनुकूल तरीके से हल करने के बदले निजी परामर्शदाता के जरिए खुद और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। अधिकारियों ने यह भी धमकी दी थी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो 45-50 लाख रुपये की वसूली की जाएगी।
सीबीआई ने इस मामले में जाल बिछाया और परामर्शदाता को उस समय रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया, जब वह आरोपियों की ओर से शिकायतकर्ता से पैसे स्वीकार कर रहा था। एजेंसी ने बद्दी, शिमला और चंडीगढ़ में सात स्थानों पर आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली। चंडीगढ़ में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से लगभग 23.5 लाख रुपये नकद और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है और मामले की जांच जारी है।