Hockey World Cup: जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप (Hockey World Cup) के सेमीफाइनल में जर्मनी ने भारत को हरा दिया। भारत को आज बारह पेनल्टी कॉर्नर में से एक पर भी गोल नहीं कर पाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। गुरुवार के मुकाबले में भारत को 4-1 से हार मिली। इसके साथ ही भारत के तीसरी बार खिताब जीतने का सपना भी टूट गया।
Hockey World Cup: कांस्य पदक के लिए होगा मुकाबला
भारत अब कांस्य पदक के लिए शनिवार को स्पेन से खेलेगा। जर्मनी की टक्कर फाइनल (Hockey World Cup) में फ्रांस से होगी। उसने स्पेन को दूसरे सेमीफाइनल में 3-1 से हराया। छह बार की चैंपियन जर्मनी को मैच में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले थे। टीम ने दोनों पर गोल किए। पिछले मैच में नीदरलैंड पर 4-3 से शानदार जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम उस लय को सेमीफाइनल में कायम नहीं रख सकी।
नहीं था जर्मनी के डिफेंस का जवाब
इस मैच (Hockey World Cup) में भारतीय टीम के पास आज जर्मनी के मजबूत डिफेंस और चुस्त आक्रमण का जवाब नहीं था। जर्मनी ने चारों क्वार्टर में एक-एक गोल किया। वहीं, भारत के लिए एकमात्र गोल चिरमाको सुदीप ने 11वें मिनट में दागा।
जर्मनी के लिए हेसबाक बेन ने 8वें मिनट में मैदानी गोल और 30वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया। ग्लेंडर पॉल ने 41वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया। स्पर्लिंग फ्लोरियन ने आखिरी सीटी बजने से दो मिनट पहले मैदानी गोल करके 4-1 से जीत पर मुहर लगाई।
पहले क्वार्टर में जोरदार टक्कर
मैच में (Hockey World Cup) पहले क्वार्टर में मुकाबला बराबरी का था। हेसबाक ने 8वें मिनट में गोल किया तो भारत के लिए चिरमाको ने तीन मिनट बाद बराबरी का गोल दागा। पहले क्वार्टर में भारत को चार पेनल्टी कॉर्नर मिले। लेकिन, एक पर भी गोल नहीं हो सका।
दूसरे क्वार्टर में 6 पेनल्टी
दूसरे क्वार्टर में भारत को छह पेनल्टी कॉर्नर मिले। वहीं, जर्मनी के लिए हेसबाक ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर दिया। तीसरे क्वार्टर में पॉल ने दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके जर्मनी को 3-1 से बढ़त दिला दी। स्पर्लिंग ने 58वें मिनट में चौथा गोल किया।
2016 में भारत को मिली थी जीत
भारत ने 2001 में होबर्ट और 2016 में लखनऊ में जूनियर पुरूष हॉकी विश्व कप जीता था। इसके अलावा वह 1997 में इंग्लैंड के मिल्टन कीज में उपविजेता रहा था। पिछली बार दो साल पहले भुवनेश्वर में उसे चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था। इस साल भारत का सामना जर्मनी से पांच बार हुआ है। पांचों बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा।