जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, हरियाणा की सैनी सरकार नित नई घोषणाएं करती जा रही है। उसका सबसे ज्यादा जोर युवाओं को रोजगार दिलाने और सरकारी विभागों में नई भर्तियां करने में है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नई घोषणा यह की है कि वे पूरे प्रदेश में पचास हजार युवाओं को नौकरी देंगे। उनकी इस घोषणा से युवाओं में खुशी की लहर है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अपने साढ़े नौ साल के शासनकाल में सबसे ज्यादा युवाओं के लिए नए रोजगार सृजन करने में और सरकारी विभागों में नौकरियों के अवसर पैदा करने की कोशिश की। इस बात से इनकार तो नहीं किया जा सकता है कि कुछ पेपर लीक हुए, कुछ में गड़बड़ियां पाई गईं, कुछ अदालत के फैसलों की वजह से भर्ती नहीं हो पाईं, लेकिन इन तमाम बाधाओं के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री सैनी ने अब जो घोषणा की है, उसके लिए समय तो बहुत कम बचा है, सितंबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक इन भर्तियों को अंजाम दे देना होगा।
हो सकता है कि इसके बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो जाए, तब भर्तियां कर पाना संभव नहीं होगा। यह एक सच्चाई है कि हरियाणा की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। बेरोजगारी कोई मामूली नहीं, देश के सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। हरियाणा में बेरोजगारी राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। प्रदेश सरकार इस आंकड़े से सहमत नहीं है। पिछले साल सेंटर फॉर मॉनिटरिंग आॅफ इंडियन इकॉनमी यानी सीएमआईई ने दावा किया था कि हरियाणा में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है। सीएमआईई की ओर जारी 2023 की रिपोर्ट में हरियाणा में बेरोजगारी दर 26.8 फीसदी दर्ज की गई है। इसके बाद बेरोजगारी दर में दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम दर्ज है।
रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान की बेरोजगारी दर में हरियाणा के मुकाबले बहुत मामूली अंतर है। सीएमआईई के मुताबिक, देश में सबसे कम बेरोजगारी दर उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में 0.8-0.8 फीसदी दर्ज की गई है। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीएमआईई के इस दावे को खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि पीएलएफएस की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 2017-18 में बेरोजगारी दर 8.6 फीसदी, 2018-19 में 9.2 फीसदी, 2019-20 में 6.5 फीसदी और 2020-21 में 6.3 फीसदी थी। खैर, अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार अपने इस घोषणा को कितनी जल्दी पूरा कर पाती है। यदि प्रदेश के पचास हजार युवाओं को सरकारी नौकरी मिल जाती है, तो यकीनन बेरोजगारी का आंकड़ा बदलेगा। बेरोजगारी की दर कम होगी और सबसे बड़ी बात यह है कि इतने परिवारों की आय में वृद्धि होगी।
-संजय मग्गू