देश रोज़ाना: यह तो आप सभी जनते ही होंगे कि आजकल बच्चों को फोन चलाने की कितनी आदत है। बिना फोन चलाये बच्चे खाना तक खाना पसंद नहीं करते है। लेकिन, क्या आप जानते है यह फोन चलाने की आदत आपके बच्चों को कितनी घातक बीमारी की ओर ले जा रही है।
जानिए, क्या है मायोपिया
कम उम्र में बच्चों के फोन देखने की आदत से उन्हें मायोपिया जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी से बच्चों की आखों पर असर पड़ता है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह मायोपिया कौन- सी बीमारी होती है। तो बता दें, मायोपिया आंखों से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जो छोटी उम्र के बच्चों मे देखने को मिलती है। इसकी चपेट में आने से आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचता है और आखें दूर की चीजों पर फोकस नहीं कर पाती। जिसकी वजह से धुंधला नजर आने लगता है और दिखाई देने में दिक्कत आती है। छोटी उम्र के बच्चो में ये समस्या अधिक देखने को मिलती है। हालांकि, 15 साल की उम्र के बाद ये ठीक भी हो जाती है।
मायोपिया के लक्षण
पास की चीजें ज्यादा पास नजर आना, दूर की चीजे धुंधली दिखाई देना, कोई चीज ध्यान से देखने के लिए आंखों पर दबाव देना, आंखों में जलन और दर्द की समस्या
बार-बार पलकें झपकाना।
मायोपिया से बचाव
मायोपिया से बच्चों को बचाने के लिए ज्यादा देर तक कंप्यूटर, टीवी, मोबाइल, को देखने से रोकना चाहिए और बच्चे का अधिक समय खेलने में या किसी ओर काम में लगाना चाहिए। ताकि वह स्क्रीन पर ज्यादा समय न दें।
बच्चों को खेलने भेजे
घर में बैठकर बच्चे मोबाइल गेम ही खेलते हैं। बच्चों को खुद किसी पार्क या खुली जगह लेकर जाएं या बच्चों को दोस्तों के साथ बाहर खेलने को कहें। ताकि बच्चों का स्क्रीन टाइम कम होगा और बीमारियों की चपेट में आने से बचें।
आउटडोर गेम्स को बढ़ावा दें
आउटडोर गेम खेलने की आदत डालें, जिससे बच्चों के दिमाग पर अच्छा असर पड़े। मोबाइल गेम्स से बच्चों का ध्यान हटाकर आउटडोर गेम्स में लगाएं। ताकि बच्चों को कुछ नया सीखने को मिले और शरीरिक विकास हो।