झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ इंडिया गठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 अक्टूबर को गठबंधन का एलान करते हुए बताया कि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) 81 सीटों में से 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। सोरेन ने कहा कि इंडिया ब्लॉक एकजुट होकर झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेगा, लेकिन कांग्रेस और जेएमएम के बीच कितनी सीटों पर किसका प्रत्याशी होगा, इसका विवरण अभी साझा नहीं किया गया है। यह फैसला गठबंधन के दलों के बीच हुई गहन चर्चा के बाद लिया गया है।
गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर की उपस्थिति में यह घोषणा की। हालांकि, इस अहम बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और वाम दलों के प्रतिनिधि अनुपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि शेष 11 सीटों के लिए आरजेडी और वाम दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी चल रही है। जल्द ही उनके साथ भी सहमति बन जाएगी और सीटों की अंतिम स्थिति साफ हो जाएगी।
इस बीच आरजेडी ने बैठक में अपनी अनुपस्थिति को लेकर असंतोष जताया है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन का एक अहम हिस्सा है और पिछली बार उन्होंने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी का जनाधार मजबूत है और कई सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रही थी। झा ने बताया कि आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की अगुआई में पार्टी ने कई जिलों में अपनी प्रभावशाली मौजूदगी दर्ज कराई है। उन्होंने गठबंधन के सहयोगियों से आग्रह किया कि सीटों का बंटवारा इस ताकत के आधार पर किया जाए ताकि भाजपा को हराने में अधिक प्रभावी हो सके।
मनोज झा ने इस बात पर भी निराशा जताई कि गठबंधन की इस अहम बैठक में आरजेडी को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उनका दल 15 से 18 सीटों पर भाजपा को हराने की क्षमता रखता है और इन सीटों पर आरजेडी का मजबूत जनाधार है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरजेडी का प्राथमिक लक्ष्य भाजपा को सत्ता से बाहर करना है, जैसा कि पहले भी लालू प्रसाद यादव का रहा है।
वहीं वाम दलों की ओर से भी इस सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं जारी हैं। गठबंधन की ओर से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सीटों का अंतिम बंटवारा हो जाएगा और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।