Aditya L 1: ISRO ने कुछ दिनों पहले ही एक बड़ा इतिहास रचा था, जिसमें ISRO ने चन्द्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत का नाम गर्व से ऊचा कर दिया हैं। अब चाँद की सफलता को पाकर ISRO ने सूरज की ओर क़दम बढ़ाया है।
कांग्रेस पार्टी ने इसी पर ट्वीट करते हुए कहा है, कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज एक बार फिर देश का मान बढ़ाया है। देश के वैज्ञानिकों की इस अदभुत उपलब्धि पर समस्त कांग्रेस परिवार को गर्व है, इसी बीच उन्होंने पूरी टीम को शुभकामनाएं भी दी हैं, वही प्रियंका गाँधी ने भी इस पर अपने विचार व्यक्त कर ISRO की पूरी टीम को शुभकामनाएं दी है।
सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान शनिवार सुबह भारत के ध्रुवीय राकेट-सी57 के साथ रवाना हुआ। पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण के रॉकेट ने 1,480.7 किलोग्राम वजनी आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान के साथ उड़ान भरी, जो सौर गतिविधियों पर नज़र रखेगा। 321 टन वजन 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी57 रॉकेट सुबह 11.50 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ।
साल 2006 में एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया और इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिकों ने एक उपकरण के साथ सौर वेधशाला के कंसेप्ट का प्रस्ताव रखा था। साल 2008 में वैज्ञानिकों ने ISRO के साथ इस प्रस्ताव को साझा किया था।
साल 2009 ISRO ने एक उपकरण के साथ आदित्य-1 परियोजना को मंजूरी दी थी
साल 2013 ISRO ने प्राप्त वैज्ञानिक प्रस्तावों की समीक्षा की थी।साल 2015 ISRO ने औपचारिक रूप से आदित्य-L1 को मंजूरी दी।