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Akashdeep: अफ्रीका में धूम मचाएगा बिहार का लाल, भारतीय टीम में मिली जगह

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ईशान किशन (Ishan Kishan) के बाद बिहार के एक और लाल को टीम इंडिया में जगह मिली है। सासाराम की गलियों से निकलकर भारतीय टीम का सफर तय करने वाला वह खिलाड़ी आकाशदीप (Akashdeep) हैं। उन्हें दीपक चाहर की जगह टीम में शामिल किया गया है।

कौन हैं आकाशदीप (Akashdeep)?

आकाशदीप (Akashdeep) बिहार (Bihar cricket) के सासाराम (Sasaram) के सुदूर गांव के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। भारतीय टीम तक पहुंचने के लिए इस 27 वर्षीय आकाश को काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा है। कम समय के अंतराल में उनके पिता और बड़े भाई का निधन हो गया था। परिवार का दूर-दूर तक खेलों से कोई नाता नहीं था। हालांकि, आकाश ने अपनी मेहनत से यह मुकाम पाया है।

भारतीय टीम तक कैसे पहुंचे आकाशदीप

गोपालगंज के मुकेश की तरह ही आकाशदीप (Akashdeep) ने भी बंगाल में टेनिस बॉल क्रिकेट से पहचान बनाई। फिर राज्य की ‘विजन 2020’ का हिस्सा बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आकाश आसनसोल के ‘खेप क्रिकेट’ (बंगाल में टेनिस बॉल टूर्नामेंट) में कम समय में ही ‘बड़ा नाम’ बन गए थे। उन्हें इस दौरान दुबई में भी एक गैर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला।

क्या कहते हैं आकाशदीप के कोच

आकाशदीप (Akashdeep) को ट्रेनिंग बंगाल के पूर्व गेंदबाज सौराशीष लाहिड़ी ने दी है। लाहिड़ी कहते हैं कि जब उन्हें आकाशदीप का फोन आया तो वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए।

आकाशदीप के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए लाहिड़ी ने कहा कि आज, आकाश ने फोन किया और कहा, ‘सर, मैं तो ट्रेन था, पर ट्रेन को भी पटरी पर लाना होता है, वो आपने किया’। राज्य की रणजी टीम के उनके नई गेंद के साथी मुकेश कुमार पहले से ही भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हैं। अब आकाश को अपनी क्षमता साबित करने के लिए एक या दो मौके मिलने की उम्मीद होगी जैसे वह पिछले चार वर्षों से बंगाल के लिए कर रहे हैं।

क्या कहते हैं जॉयदीप मुखर्जी

बंगाल सीनियर टीम के पूर्व निदेशक जॉयदीप मुखर्जी ने उस वाकये को याद किया जब उन्होंने पहली बार आकाशदीप को गेंदबाजी करते देखा था। उन्होंने कहा कि रेंजर्स ग्राउंड पर बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के दूसरे स्तर का लीग मैच हो रहा था। मैंने देखा कि जब एक तेज गेंदबाज एक छोर से गेंदबाजी कर रहा था, तो कीपर स्टंप के पीछे मुश्किल से 10 गज की दूरी पर खड़ा था, लेकिन दूसरे छोर के गेंदबाज के आने पर वह 35 गज पीछे खड़ा होता था। मैंने तुरंत तत्कालीन अंडर-23 कोच लाहिड़ी को फोन किया और उन्होंने भी मुझे बताया कि उन्होंने उनके बारे में सुना है। हमने तत्कालीन कैब अध्यक्ष सौरव (गांगुली) को इसकी जानकारी दी और आकाश को विजन 2020 में शामिल किया। आकाश को ईडन गार्डन में शयनगृह में रहने के लिए जगह भी दी गई, क्योंकि उनके पास कोई स्थायी जगह नहीं थी।

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