धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अबू धाबी के वली अहद (युवराज) शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (India-UAE: )के साथ व्यापक वार्ता की। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच समग्र रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना था। नाहयान अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान रविवार को नई दिल्ली पहुंचे थे।
India-UAE: करीबी दोस्त का गर्मजोशी से स्वागत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “एक करीबी दोस्त का गर्मजोशी से स्वागत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की अगवानी की।” उन्होंने बताया कि इस बैठक में भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों और सहयोग के भविष्य के क्षेत्रों पर चर्चा हुई।
भारत और यूएई एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से
अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था। फरवरी 2022 में दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये और दिरहम (यूएई की मुद्रा) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर भी हस्ताक्षर किए गए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत और यूएई एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यूएई, भारत के शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है। यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी मजबूत बनाते हैं।
दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को मिलेगी मजबूती
पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में यूएई को बतौर विशेष आमंत्रित देश के रूप में शामिल किया गया था। फरवरी 2023 में भारत-यूएई-फ्रांस (यूएफआई) त्रिपक्षीय रूपरेखा को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। भारत के समर्थन से, यूएई मई 2023 में एससीओ में संवाद भागीदार के रूप में और जनवरी 2024 में ब्रिक्स में सदस्य के रूप में शामिल हुआ। भारत-यूएई रक्षा सहयोग भी पिछले कुछ वर्षों में एक नई गति देख रहा है। जनवरी 2024 में राजस्थान में पहला भारत-यूएई द्विपक्षीय सेना अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ आयोजित किया गया था। इस वार्ता से यह स्पष्ट है कि दोनों देश अपने रणनीतिक संबंधों को और भी व्यापक और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं।