भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर(Jammu Kashmir: ) के कुपवाड़ा जिले के कमकारी सेक्टर में शनिवार को पाकिस्तान की ‘बार्डर एक्शन टीम’ (बीएटी) के हमले को नाकाम कर दिया। हालांकि इस दौरान हुई मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया और एक कैप्टन सहित चार अन्य सैन्यकर्मी घायल हो गए।
Jammu Kashmir: एक पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया
मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया जबकि दो अन्य घुसपैठिये घंटों तक चली भीषण गोलीबारी के बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भाग गए। ‘बैट’ में आम तौर पर पाकिस्तानी सेना के विशेष बल के जवान और आतंकवादी शामिल होते हैं।
Jammu Kashmir: हाल ही के आतंकवादी घटनाओं में 22 लोग मारे जा चुके हैं
केंद्र शासित प्रदेश में हाल में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। केवल जम्मू क्षेत्र में राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा में हमलों में 22 लोग मारे गए जिनमें सुरक्षाबलों के जवान और ग्राम रक्षा गार्ड के 11 सदस्य शामिल हैं। जम्मू में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास के तहत सरकार ओडिशा से बीएसएफ की दो बटालियन भेज रही है जिसमें 2,000 से अधिक जवान हैं।
खराब मौसम का फायदा उठा रहे हैं घुसपैठिये
श्रीनगर में मौजूद रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि घुसपैठिये खराब मौसम और क्षेत्र में कम दृश्यता का फायदा उठाकर नियंत्रण रेखा पार कर इस ओर आए तथा उन्होंने नजदीक से अग्रिम सैन्य चौकी पर गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि तीन घुसपैठियों के समूह ने उत्तर कश्मीर जिले के त्रेहगाम सेक्टर में कुमकडी चौकी के पास अग्रिम चौकी पर ग्रेनेड फेंका और गोलीबारी की। जानकारी के मुताबिक, भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में पांच जवान घायल हो गए, जिनमें से एक ने बाद में दम तोड़ दिया। एक कैप्टन समेत चार घायल सैन्यकर्मियों को श्रीनगर में बेस अस्पताल ले जाया गया।
घायल सैनिक का चल रहा है उपचार
रक्षा प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि मारे गए पाकिस्तानी घुसपैठिये की पहचान और उसके संगठन का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए एक सैनिक का उपचार किया जा रहा है और उपचार का उस पर असर हो रहा है तथा उसकी हालत स्थिर है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि शहीद सैनिक की पहचान राइफलमैन मोहित राठौर के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि अतीत में भी पाकिस्तानी सेना की सहायता से घुसपैठियों ने घने जंगल और खराब दृश्यता का फायदा उठाकर इसी प्रकार के प्रयास किए हैं लेकिन उन्हें हमेशा विफल कर दिया गया।